चेकोस्लोवाकिया (Czechoslovakia) स्थिति : ४९° ०¢ उ.अ. तथा १७° ०¢ पू.दे.। यूरोप महादेश के मध्यवर्ती देश चेकोस्लोवाकिया का निर्माण सन् १९१८ ई. में प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति पर, आस्ट्रिया हंगरी साम्राज्य के विघटन के परिणामस्वरूप हुआ था। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् इसका रूथेन (Ruthane) क्षेत्र, जो लगभग १३,००० वर्ग किमी. है, १९४५ की संधि के अनुसार रूस के अधिकार में चला गया। इसके अतिरिक्त देश की सीमाओं में और कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ।
इसका क्षेत्रफल १,२७,८६० वर्ग किमी. है। इसका विस्तार पश्चिम में बावेरिया से लेकर पूर्व में यूक्रेन तक उत्तर-दक्षिण की अपेक्षा बहुत ही अधिक है। सन् १९४९ में प्रशासन क्षेत्रों का पुनर्गठन किया गया। फलत: स्लोवाकिया, मोरेविया, साइलीज़ा और बोहीमिया के तत्कालीन प्रांतों के स्थान पर १९ प्रशासनिक क्षेत्रों का निर्माण हुआ।
प्राकृतिक दशा - चेकोस्लोवाकिया के तीन स्पष्ट भूभाग हैं :
आर्थिक अवस्था - चेकोस्लोवाकिया धनी राष्ट्र है और अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये अधिकांश वस्तुएँ देश में ही उत्पन्न करता है। इसके अतिरिक्त चीनी, छोटे मोटे कल पुर्जे, इंजन, विद्युत् टरबाइन के सामान और अन्य विविध प्रकार की छोटी मोटी वस्तुएँ, जैसे पेंसिल आदि, निर्यात भी करता है।
देश का सबसे उन्नतिशील भाग बोहीमिया है, जो कृषि और उद्योग दोनों की दृष्टि से बढ़ा हुआ है। एल्बे नदी की घाटी, विशेषकर प्राग (Prague) के उत्तर-पूर्व का क्षेत्र, जो लटमिरजित्से (Litomerice) नगर के चारों ओर फैला हुआ है, अधिक उपजाऊ है। वलटावा (Vhava) नदी की घाटी दूसरा महत्वपूर्ण उपजाऊ क्षेत्र है। बोहीमिया के इस मध्यवर्ती भाग की जलवायु ग्रीष्मकाल में साधारण गरम और शीतकाल में अधिक ठंढी होती है। प्राग में लगभग १९¢ ¢ वर्षा होती है, जो गेहूँ, तंबाकू, चुकंदर आदि के अनुकूल है। चुकंदर बड़ी मात्रा में उपजाई जाती है।
चित्र.
पिल्जेन (Piljen) और प्राग के समीपवर्ती क्लैडनो (Kladno) कोयला क्षेत्र से लगभग ४० लाख टन कोयला प्रति वर्ष निकाला जाता है। प्राग के दक्षिण-पश्चिम की सिल्यूरियन चट्टानों में सोना, चाँदी और लोहे के खनिज मिलते हैं। यहाँ के खनिज पदार्थों और साइलीज़ा के कोयला, अथवा स्वेडन के लोहे के आयात पर आधारित धातु उद्योग, पिल्ज़ेन से प्राग तक उन्नत कर गए हैं। लोहे की भट्ठी और इस्पात के कारखाने, तामचीनी (enamel) की वस्तुएँ, लोहे की चादरें और विशेष रूप से स्कोडा (skode) के यंत्र रेल के इंजिन तथा पटरियाँ, बिजली के यंत्र, चीनी और काच के बरतन आदि उद्योग धंधों ने इस क्षेत्र को बृहत् औद्योगिक केंद्र बना दिया है। पर्वतीय क्षेत्र के टेप्लित्से (Teplice) नगर में साधारण काच और मणिभ काच (crystal glass) बनाने के प्रमुख कारखाने हैं तथा कॉमटॉफ (Chomutov) नगर में लोहे और इस्पात के कारखाने हैं। उस्ती (Usti) में काच, कपड़ा और यंत्र बनाने के उद्योग हैं। सूडीटीज़ पर्वतीय क्षेत्र के लिबेरेट्स (Liberec) नगर में सूती कपड़ा उद्योग, ट्रूट्नेव (Trutnev) में लिनेन, और येब्लोनेक (Yablonec) में रंगीन काच और मणिभ काच बनाने के विश्वप्रसिद्ध कारखाने हैं। ब्यडेजोविस (Budejovice) में मृत्तिकाशिल्प (ceramic) और पेंसिल बनाने के उद्योग हैं।
मोरेविया का मैदान बहुत ही उपजाऊ है ओर कृषि के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ की मुख्य उपज चुकंदर, जौ, अंगूर, गेहूँ, मक्का, राई तथा चारा है और मवेशी तथा सुअर भी पाले जाते हैं। यहाँ के उत्तरी सीमावर्ती कोयला क्षेत्र में मॉराफस्का ऑस्त्रावा (Moravska Ostrava) और विट्कोविस (Vitkovice) औद्योगिक नगर है, जहाँ इस्पात की भट्ठियाँ तथा कारखाने उन्नति कर गए हैं। यहाँ भारी उद्योग धंधे और रयासन उद्योग दोनों ही मुख्य हैं। इस मैदान का सबसे बड़ा नगर बर्नो (Brno) है, जो देश का कपड़ा बनाने का बृहत्तम केंद्र हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ लोहे की वस्तुएँ, आटा पीसने, शराब बनाने तथा अस्त्र शस्त्र तैयार कने के उद्योग-विकसित हो गए हैं।
स्लोवाकिया पर्वतीय भाग होने के अतिरिक्त बहुत समय तक हंगरी के अधीन रहा और यही कारण है कि यहाँ पर न तो कृषि ही उन्नति पर है और न उद्योगों का ही कोई विशेष महत्व है। यह देश का सबसे पिछड़ा हुआ भाग है। ब्रैटिस्लाव (Eratislava) अथवा प्रेस्बर्ग डैन्यूव नदी पर मुख्य बंदरगाह है।
चेकोस्लोवाकिया आर्थिक दृष्टि से संतुलित देश है। कार्यरत जनसंख्या का ३८% कृषि में तथा ३७% उद्योंगों में लगा है यहाँ की जनसंख्या १,३७,४१,५२९ (१९६१) थी, जिनमें लगभग ९६,२८,०९२ चेक और ४१,१३,४३७ स्लाव थे। प्राग यहाँ की राजधानी है जिसकी जनसंख्या ९,९८,४९३ (१९६१) थी। (आ.स्व.जौ.)
चेक और स्लोवाकी यहाँ की दो मुख्य भाषाएँ हैं। वैसे मगयार, पोलिश, (polish) रुथेनियाई (Ruthenian), यीदी (yiddish) और जर्मन अल्पस्ख्याओं की भाषाएँ हैं। लगभग तीन चौथाई निवासी रोमन कैथोलिक संप्रदाय के हैं। शेष प्रोटेस्टेंट, यहूदी और चेकोस्लोवाकिया चर्च के हैं।
इतिहास - ५वीं शताब्दी के आसपास स्लावी (Slavic) जातियाँ विस्चुला घाटी से चलकर चेकोस्लोवाकिया की धरती पर बसीं। ७वीं शताब्दी में वहाँ राजनीतिक चेतना का प्रादुर्भाव हुआ। १०वीं शताब्दी में मगयार और जर्मन जातियों के आक्रमणों ने चेकोस्लोवाकिया का इतिहास ही बदल दिया। इसी समय ये लोग स्लोवाक तथा बोहेमियामोराविया दो भागों में बँट गए। १४वीं शताब्दी में लक्समबर्ग में बोहेमियन राज्य स्थापित हुआ, और प्रेग राजधानी बना। १५वीं, १६वीं और १७वीं शताब्दियों में हुशाई आंदोलन चला जो राजनीतिक धार्मिक आंदोलन था।
१५२६ में बोहेमिया में हब्सबर्ग राज्य की स्थापना हुई। लेकिन फ्रांसीसी क्रांति ने इन नवनिर्मित प्रदेशों में जागरण उत्पन्न कर दिया था, यही जागरण आगे चलकर चेकोस्लोवाकिया के निर्माण में सहायक बना।
स्लावी (Slavic) लगभग हजार वर्ष तक हंगरी के शासन में रहे। १९वीं शताब्दी में उनके साहित्यिक, धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्रों में जागृति हुई। इस जागरण ने उनमें राष्ट्रीयता की प्रखर चेतना भर दी।
१९१८ में हब्सबर्ग राज्य की समाप्ति के साथ चेक, स्लावी, जर्मन रुथेनियाई, हंगेरियाई और पोली (poles) जातियों ने मिलकर चेकोस्लोवाकिय का निर्माण किया। गणराज्य का जो नया संविधान बना, उसमें नागरिकों के बीच जाति, धर्म, राजनीतिक संबंधों आदि के आधार पर कोई भेद नहीं रखा गया।
द्वितीय विश्वयुद्ध के समय विएना संमेलन के अनुसार चेकोस्लोवाकिया की बहुत सी भूमि हंगरी में मिल गई। १९३९ में हिटलर ने बोहेमिया और मोराविया को अपने अधिकार में ले लिया। १९४५ तक ये दोनों प्रदेश जर्मनी द्वारा शासित रहे। डा. जोसेफ तीसो नामक कैथोलिक नेता ने स्लोवाकिया प्रदेश को स्वतंत्र राज्य बनाने के लिये हिटलर से समझौता किया। १९४५ तक स्लोवाक प्रदेश हिटलर द्वारा रक्षित रहा। चेकोस्लोवाकिया का पूर्वी भाग कापूथे रुथानिया १९३९ से हंगरी के अधिकार में था। विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद यह रूस का भाग हो गया।
राष्ट्रपति एडुअर्ड बेने अक्टूबर, १९३८ में पद से त्यागपत्र देकर ब्रिटेन चला गया जहौं उसने निर्वासित चेकोस्लोवाक सरकार (चेकोस्लोवाक गवर्नमेंट इन एक्जाइल) नामक संघ गठित किया। बेने ने १९४३ में रूस से संधि की। मई, १९४५ में जब चेकोस्लोवाकिया स्वतंत्र हुआ इंग्लैंड की सरकार ने वहाँ के साम्यवादी नेताओं के साथ कोसिक समझौता (Kosic Agreement) किया। फरवरी, १९४८ में साम्यवादियों ने रक्तहीन क्रांति द्वारा शासन पर अधिकार कर लिया। उसी वर्ष गणराज्य का संविधान, चेकोस्लोवाकिया में लागू हुआ। वर्तमान समाजवादी संविधान १९६० में निर्मित हुआ।
१९४८ के पश्चात् राष्ट्र ने उद्योगीकरण की दिशा में तीव्रता से प्रगति की है। व्यापार के राष्ट्रीकरण और सामूहिक कृषियोजना आदि में सरकार ने व्यक्तिगत उद्योगों को समाप्त कर दिया है।