चिशोल्म, जॉर्ज गुडी (Chisholm, George Goudie, सन् १८५०-१९३०) का जन्म स्कॉटलैंड के एडिनबरा नगर में १९३० में हुआ था। इनकी शिक्षा दीक्षा भी ऐडिनबरा में ही हुई। इन्होंने अपने जीवन के प्रारंभिक ४५ वर्ष जन्मभूमि स्कॉटलैंड में बिताए। १९वीं सदी के उत्तरार्ध, विशेषतया अंतिम चतुर्थांश में वे एकाकी साधक रहे, जब उन्होंने भूगोलीक उच्च शिक्षात्मक स्तर पर वैज्ञानिक पाठ्य विषय के रूप में प्रतिस्थापित किया। १८८९ ई. में उन्होंने अपनी सुप्रसिद्ध पुस्तक वाणिज्य भूगोल (Handbook of Commercial Geography) लिखी। १८९५ में इनके द्वारा संपादित संसार का गज़ेटियर (Longman's World Gazetteer) लौंगमैंस ने छाया। सन् १९०८ में एडिनबरा विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालयीय स्तर पर भूगोल को मान्यता प्राप्त हुई और उन्हें भूगोल का प्रथम अध्यापक हाने का गौरव प्राप्त हुआ। सन् १९२१ में उनकी पदोन्नति हुई और उन्हें रीडर (Reader) बनाया गया। सन् १९२३ में ७३ वर्ष की आयु में वे सेवानिवृत्त हुए और विश्वविद्यालय ने उन्हें अपनी सर्वोच्च उपाधि 'डाक्टर ऑव् लॉ' (Honorary LL.D.) द्वारा विभूषित किया।

चिशोल्म सन् १८८४ से ही राजकीय भूगोल परिषद्, लंदन के आजीवन 'फेलो' रहे। उन्होंने राजकीय स्कॉटिश भूगोल परिषद् के मंत्री के रूप में भी १५ वर्षो तक कार्य किया। उन्हें अमरीकी भूगोल परिषद्, न्यूयार्क ने 'डैली' (Daly) स्वर्णपदक से विभूषित किया। उनके वाणिज्य भूगोल की पुस्तक की प्रसिद्धि का इसी से पता चलता है कि सन् १९२८ तक उसका ११वाँ संस्करण निकल चुका था। अब भी वह डाक्टर डड्ले स्टैंप द्वारा परिवर्तित होकर प्रसिद्धि पा रही है। ८० वर्ष के पूर्णतया कार्यशील जीवन के बाद ९ फरवरी, सन् १९३० को चिशोल्म का देहावसान हुआ। (कााश्ी नाथ सिंह)