चित्तूर १. जिला, आंध्र प्रदेश में स्थित इस जिले का क्षेत्रुल ५,८५५ वर्ग मील और जनसंख्या १९,१४,६३९ (१९६१) है। यह दक्षिण के पठार पर बसा है। पूर्वी घाट की पहाड़ियाँ दक्षिण और पूर्व दिशा में फैली हैं। पहाड़ों में ताँबे और लोहे के खनिज मिलते हैं। घाटियों में उपजाऊ भूमि हैं और ढालों पर जंगल हैं। धान, मक्का, तिलहन, गन्ना तथा कपास की खेती होती है। जंगल की लकड़ियों में चंदन और लाल चंदन महत्वपूर्ण हैं।
नगर, मद्रास से लगभग ८५ मील पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में स्थित चित्तूर जिले का प्रशासकीय नगर है। यातायात और व्यापार के साथ ही शिक्षा का भी क्षेत्रीय केंद्र है। सभी पर्वती पहाड़ियों से श्वेत चंदन और लाल चंदन और लाल चंदन की लकड़ियाँ मिलती हैं, जिनसे सुंदर समान बनाए जाते हैं। चावल और तेल की मिलें हैं। शराब बनाने और चमड़ा कमाने के कारखाने हैं। कालेज, सैनाटोरियम और मिशनरी ट्रेंनिग स्कूल हैं१ यहाँ ग्रैनाइट पत्थर का व्यापार होता है। १७८२ ईस्वी में हैदरअली इसी नगर में मरा था। यहाँ की जनसंख्या ४७,८७६ (१९६१) है। चित्तूर नाम का एक दूसरा नगर त्रिचूर से ३८ मील पूर्व-उत्तर-पूर्व में स्थिति है जहाँ धान कूटने, तेल पेरने और बिनौला निकालने के कारखाने हैं१ कुटीर उद्योग और टाइल बनाने में भी यह स्थान प्रसिद्ध हैं। (कृष्ण मोहन गुप्त)