कैलाा नाथ सिंहग्वालपारा या गोवालपारा : स्थित, २५° २८¢ से २६° ५४¢ उ. अ. तथा ८९° स ९१°¢ पू. दे.। असम राज्य का यह हरा भरा जिला ब्रह्मपुत्र नदी के दोनों तरफ लगभग १२,८१८ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। पूर्वी भाग में कुछ निम्न श्रेणियों के अतिरिक्त प्राय: संपूर्ण क्षेत्र समतल निम्न मैदान है। नकटी पहाड़ी की अधिकतम ऊँचाई लगभग ५०९ मीटर है। जिले की मुख्य नदी ब्रह्मपुत्र पूर्व से पश्चिम १,३६० किलोमीटर लंबाई में बहती है। उत्तर से मुख्य सहायक नदियाँ मनास, डलानी, आई, चंपामती, कोकिला आदि तथा दक्षिण से करनाई, फुलनाई, कलाम, दुदर्ना आदि इसको जल प्रदान करती हैं। जलवायु उत्तरी असम से भिन्न है। ग्रीष्म ऋतु में बालू की आधियाँ भी चलती हैं। उत्तर में जलवृष्टि ३५५.६ सेंटीमीटर दक्षिण में लगभग २४१.३ सेंटीमीटर जो प्राय: मई से सितंबर महीने के बीच होत है। नदी से दूरी अनुसार मिट्टी के प्रकार क्रमश: बलुआ से चिकने होते हैं। पहाड़ियों की तलहटियां में ककड़ पत्थर से मुक्त मिट्टी प्राप्त होती है। जिले का लगभग २४ प्रति शत भूभाग घनदेय वनों से आच्छादित है जिसमें साल मुख्य हैं। प्रमुख कृषि उपज धान है। जनसंख्या प्राय: सधन है। जनसंख्या का औसत घनत्व लगभग ११२ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। जिले की संपूर्ण जनसंख्या १५,४३,८९२ (१९६१) है जिसमें २०% व्यक्ति साक्षर हैं।

२. नगर स्थिति : २६° १०¢ उ. अ. तथा ९०° ३८¢ पू. दे.। ब्रह्मपुत्र के दक्षिणी किनारे पर स्थिति है, जनपद के कार्यालय, जा १८७९ ई. में घुबरी ले जाए गए, पहले यहीं पर थें। नगर का प्रशासन १८७८ ई. से नगरपालिका द्वारा होने लगा। कार्यालयों के स्थानांतरित होने से नगर का विकासक्रम मंद पड़ गया। राजमार्ग द्वारा यह गौहाटी तथा धुबरी से मिला हुआ है। साल यहाँ से प्राय: जलमार्ग द्वारा निर्यात किया जाता है। जनसख्या १३,६९२ (१९६१ ई.) है (कैलाश नाथ सिंह)