ग्वादालाहारा (Guadalajara) १.स्थिति : २०° ४१¢ १०¢ ¢ उ.अ. तथा १०३° २१¢ १५¢ ¢ प. दे.; यह मेक्सिको के जलिस्को प्रांत का प्रधान प्रशासकीय नगर है। यहाँ की जनसंख्या ३,७७,९२८ (१९५०) है। यह मेक्सिको नगर से २८० मील पश्चिम-पश्चिमोत्तर में समुद्रतल से ५,०९२ फुट की ऊँचाई पर सेंटियागो नदी के पास मध्य पठार के पश्चिमी छोर पर स्थित है। यह मेक्सिको का द्वितीय बड़ा नगर है। इस नगर का निर्माण योजनान्वित है और इसे सार्वजनिक स्थानों और उद्यानों का नगर कहते हैं। ऐतिहासिक नगर होने के कारण यहाँ के भवन विभिन्न प्रकर की स्थापत्य कलाओं तथा शैलियों के निदर्शन स्वरूप हैं। यह विकसित कृषिक्षेत्र में स्थित है, अत: यहाँ के उद्योग कृषिगत पैदावरों पर आधारित है। कपास तथा ऊनी कपड़े, होजरी, आटा, चमड़े, धातुओं से बने सामान तथा सीमेंट आदि तैयार करने के धंधे प्रमुख हैं। अन्य परंपरागत धंधों में चमड़े की वस्तुएँ, लकड़ी के सामान, मिट्टी के बरतन तथा अन्य कलात्मक वस्तुएँ और शीशे के सामान आदि बनाए जाते हैं। यहाँ का राजकीय विश्वविद्यालय का रूप दिया गया। इसके अतिरिक्त यहाँ प्रशासनिक कार्यालय, पुस्तकलय, ललितकला अकादमी आदि प्रमुख संस्थाएँ हैं।
इस नगर की स्थापना स्पेन निवासी ग्रिस्तोबल द ऑनेट द्वारा १५३१ ई. के लगभग हुई थी। आधुनिक स्थान पर यह १५४२ ई. में बसाया गया।
२. स्पेन में ग्वादालाहारा नामक प्रांत की राजधानी तथा सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक नगर, जनसंख्या १९,१३१ (१९५० ई.) है। इसका प्राचीन नाम ऐरियाका (Arriaca) था। यह मैड्रिड से ३४ मील उत्तरपूर्वोत्तर समुद्रतल से २,१०० फुट ऊँचाई पर एनारस (Henaras) नदी के बाएँ तट पर मैड्रिड-सारागोसा-रेलमार्ग पर स्थित है। पहले यह नगर कपड़ा बुनने का प्रसिद्ध केंद्र था, लेकिन अब इसका महत्व घट गया है। यहाँ साबुन, चमड़े के सामान, ऊनी कपड़े तथा भोज्य सामग्री तैयार करने के छोटे संस्थान हैं।
३. राज्य, स्थिति : ४०° ३७¢ उ. अ. तथा ३° १२¢ प. दे.। यह मध्य स्पेन का एक प्रांत है, जो पहले न्यू कैसटील (New Castile) का एक भाग था। १८३३ ई. में न्यू कैसटील से कुछ क्षेत्र लेकर यह अलग प्रांत (क्षेत्रफल ४,७०९ वर्ग मील; जनसंख्या २,०२,२७८ (१९५०), प्रति वर्गमील घनत्व ४३ मनुष्य) बनाया गया। इस राज्य का विस्तार मध्यवर्ती पठार (मेसेटा) में है। यह उत्तर-पश्चिम में पर्वतीय तथा मध्य एवं दक्षिण में चौरस उत्थापित मैदान है। टेगस (ताहो) तथा उसको सहायक गालो, ताहूना (Tajuna), एनारस (Heneres) आदि इसकी प्रमुख नदियाँ हैं। समुद्रतल से ऊँचाई पर होने के कारण यहाँ की जलवायु विषम है, लेकिन पर्वतीय भागों में ग्रीष्मऋतु में आराम रहता है। यहां गेहूँ, जौ आदि खाद्यान्न तथा अंगूर, जैतून तथा अन्य भूमध्यसागरीय जलवायुवाले फल पैदा होते हैं। भेड़ बकरियाँ भी पाली जाती हैं। ऊँची पर्वतीय ढालों से लकड़ी प्राप्त होती है। यहाँ बड़ी मात्रा में मधु का उत्पादन होता है। खनिज पदार्थो में लोहा, नमक, जिप्सम तथा संगमरमर प्रमुख हैं। कुछ घरेलू धंधों के अतिरिक्त ऊनी कपड़े का व्यवसाय भी होता है। ग्वादालाहारा इस प्रांत का प्रमुख प्रशासनिक नगर है। (काशी नाथ सिंह)