ग्रीगरी, संत इस नाम के अनेक संत प्रसिद्ध हैं। (१) नेओ सीज़ारेआ के बिशप संत ग्रीगरी (तीसरी सदी ई.) करामाती के नाम से विख्यात हैं। (२) नाज़िअंसस के संत ग्रीगरी (चौथी सदी) और (३) निस्सा के संत ग्रीगरी (चौथी सदी), प्राच्य चर्च के चार महान् धर्माचार्यो में इन दोनों का नाम आता है। (४) तूर के संत ग्रीगरी (छठी सदी), इनका सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ फ्रैंक जाति का इतिहास है। काथलिक चर्च के इतिहास में ग्रीगरी नामक १६ पोप भी मिलते हैं, जिनमें से दो विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। संत ग्रीगरी महान् (सन् ५४०-६०४ ई.) पाश्चात्य चर्च के महान् धर्माचार्यों में से एक हैं। इन्होंने पहले पहल इंग्लैंड में ईसाई मिशनरियों को भेजा था। ऐतिहासिक दृष्टि से संत ग्रीगर सप्तम सबसे महत्वपूर्ण हैं। वे सन् १०७३ से सन् १०८५ तक पोप थ। इन्होंने राजाओं के विरुद्ध चर्च की स्वतंत्रता को तथा बिशपां की नियुक्ति में रोम के अधिकार को अक्षुण्ण बनाए रखने का प्रयास किया है। (फादर कामिल बुल्के)