ग्याङ्त्से स्थिति : २९° उ.अ. तथा ८९°¢ पू.दे.; जनसंख्या ५,००० (१९५०)। तिब्बत में सांगपो (ब्रह्मपुत्र) नदी की घाटी में १२,८९५ फुट की ऊँचाई पर लासा से १०० मील दक्षिण-पश्चिम तथा शिगत्से से दक्षिण-पूर्व भारतीय सीमा से १३० मील की दूरी पर स्थित नगर है। यह ऊनी कपड़े और कालीन के लिये विशेष प्रसिद्ध था। यह नगर एक समय व्यापक व्यापार और वितरण का केंद्र था। यहाँ भारत, भूटान, लद्दाख, सिक्किम तथा मध्य एशिया से लासा की सड़कें (कारवाँ मार्ग) मिलती हैं। यहाँ लद्दाख, नेपाल और ऊपरी तिब्बत से कारवाँ सोना, सुहागा, नमक, ऊन, समूर और कस्तूरी ले आते थे तथा इनके बदले में चाय, तंबाकू, चीनी, सूती कपड़े, बनात या दोहरे अर्ज का बढ़िया गरम कपड़ा तथा लोहे की वस्तुएँ ले जाते थे। सन् १९०४ के ब्रिटिश अभियान में अधिकृत किया जानेवाला यह प्रथम नगर था। जब से तिब्बत चीनियों के अधिकार में आया तब से यहाँ के व्यापार की स्थिति का ज्ञान हमें नहीं है। भारत से तो इसका संबंध बिलकुल छूट ही गया है। (राजेंद्र प्रसाद सिंह)