गैंगरीन एक रोग जिसमें शरीर के किसी भाग, विशेषत पैर के अँगूठे के ऊतक निष्प्राण हो जाते हैं। सूखे गैंगरीन के रूग्ण स्थान काला पड़ जाता है और उसमें किसी प्रकार की अनुभव शक्ति नहीं रह जाती। गैंगरीन के आसपास के स्वस्थ ऊतक सूजकर लाल हो जाते हैं, अर्थात् रूग्ण अंश इस रेखा के द्वारा अपने आप अलग हो जाता है। तरल गैंगरीन के लक्षण भी सूखे गैंगरीन के समान ही होते हैं। इसमें फफोले पड़ जाते हैं। तरल स्राव होने लगता है और दुर्गन्ध आने लगती है। तरल गैंगरीन में मांस के विगलित होने में जीवाणुओं का विशेष योग होता है।

मधुमेह, बुढ़ापे के कारण नसों का कठोर हो जाना, घाव, संक्रमण आदि गैंगरीन के कुछ कारण हैं। (परमेश्वरीलाल गुप्त)