गूटेन बर्ग, जोहान (१४००-१४६८ ई.)। टाइप के माध्यम से मुद्रण विद्या का आविष्कारक। इनके आविष्कार से पूर्व मुद्रण का सारा कार्य ब्लाकों में अक्षर खोदकर किया जाता था। गूटेनबर्ग का जन्म जर्मनी के मेंज नामक स्थान में हुआ था। १४२० ई. में उनके परिवार को राजनीतिक अशांति के कारण नगर छोड़ना पड़ा। उन्होंने १४३९ ई. के आसपास स्ट्रासबोर्ग में अपने मुद्रण आविष्करण का परीक्षण किया। काठ के टुकड़ों पर उन्होंने उल्टे अक्षर खोदे। फिर उन्हें शब्द और वाक्य का रूप देने के लिए छेद के माध्यम से परस्पर जोड़ा और इस प्रकार तैयार हुए बड़े ब्लाक को काले द्रव में डुबाकर पार्चमेंट पर अधिकाधिक दाब दिया। इस प्रकार मुद्रण में सफलता प्राप्त की। बाद में उन्होंने इस विधि में कुछ सुधार किया।

इस प्रकार प्रथम मुद्रित पुस्तक कांस्टेंन मिसल है जो १४५० के आस पास छापी गई थी। उसकी केवल तीन प्रतियाँ उपलब्ध हैं। एक म्युनिख (जर्मनी) में, दूसरी ज्यूरिख (स्विटज़रलैंड) में और तीसरी न्यूयार्क में। इसके अतिरिक्त एक बाइबिल भी गुटेनबर्ग ने मुद्रित की थी। (परमेश्वरीलाल गुप्त)