गुस्ताउस (तृतीय) (१७४६-१७९२ ई.) अडोल्फस फ्रेडरिक के ज्येष्ठ पुत्र। इनका जन्म २४ जनवरी, १७४६ को हुआ। स्वीडेन के दो विख्यात राजनीतिज्ञों की देखरेख में उनकी शिक्षा दीक्षा हुई। उनकी नैसर्गिक प्रतिभा तथा गुणों ने सबको आश्चर्य में डाल दिया था। उनकी तेजस्विता बाल्यावस्था में प्रकट होने लग गई थी। ४ जून, १७६६ को उनकी शादी डेनमार्क के फ्रेडरिक पंचम की लड़की मैगडालेन से हुई।

१७७१ में वह राजगद्दी पर बैठे। अगस्त, १७७२ में स्वीडेन में राज्यक्रांति हुई और १७७२ से १७९२ तक उन्होंने एकतंत्र शासन चलाया और अनेक प्रकार के सुधार किए। १८वीं शती के प्रारंभ में जो सांस्कृतिक चेतना जागी थी उसकी और आगे बढ़ाया। किसानों को कानूनी संरक्षण दिया। राज्य में अस्पताल कायम किए। संविधान को नया रूप दिया।

राष्ट्रीय संबंधों में उन्होंने शांति कायम रखी। जब १७८९ में रूस का तुर्की के साथ युद्ध शुरू हुआ तब उन्होंने मौका देखकर रूस पर आक्रमण कर दिया परंतु विश्वासघात और फिनलैंड में सैनिकद्रोह के कारण सफल नहीं हो सके। अक्टूबर, १७९१ में बहुत दिनों से चले आ रहे एक षड्यंत्र के फलस्वरूप वह रायल आपेरा हाउस में गोली का शिकार हो गए।

यद्यपि गुस्ताउस पर अनेक दोषारोपण किए जाते है, फिर भी यह मानना पड़ेगा कि १८वीं सदी के वह एक महान अधिपति थे। यह उनका दुर्भाग्य था कि उन्हें अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका नहीं मिला और मिला भी तो बहुत देर से। वह यशस्वी लेखक थे। उन्हें स्वीडेन की नाट्यकला का प्रवर्तक कहा जा सकता है। उनको अपने देश के साहित्य में सर्वोत्तम नाटक लिखने का यश प्राप्त है। उनके ऐतिहासिक निबंध भावनाओं से भरे हुए एवं उदात्त शैली में लिखे गए हैं। मित्रों को लिखे गए उनके पत्र मधुर एवं रोचक हैं। साहित्य एवं कला में उनकी विशेष रुचि थी। अपने समय के कवियों और कलाकारों को उन्होंने सहानुभूति पूर्ण संरक्षण दिया।

(सत्यदेव विद्यालंकार)