गुस्ताउस (द्वितीय) (१५९४-१६३२ ई.) इनका जन्म ९ दिसंबर, १५९४ को स्टाकहोम कैसिल में हुआ था। वह चार्ल्स चतुर्थ के ज्येष्ठ पुत्र थे। उनको प्रोटेस्टैंट संप्रदाय की शिक्षा दीक्षा बहुत सावधानी से दी गई थी। वह भाषाविज्ञान और साहित्य के विशेषज्ञ थे। स्वीडी और जर्मनी दोनों उनकी मातृभाषाएँ थीं१ १२ वर्ष की ही अवस्था में उन्होंने लातीनी, इतालवी और डच भाषाओं में प्रवीणता प्राप्त कर ली, तदनंतर उन्होंने स्पेनी, रूसी और पोल भाषाओं का अध्ययन किया। उनके पिता उनका विकास राजकुमार के रूप में करना चाहते थे इसलिए नौ वर्ष की अवस्था में ही उनको सार्वजनिक जीवन के संपर्क में लाया गया। १३ वर्ष की आयु में मंत्रियों के साथ उन्होंने शासन के संबंध में विचार विनिमय करना शुरू कर दिया था। १५ वर्ष की आयु में वेस्टमानलैंड में उन्होंने शासनसूत्र सँभाला और राजगद्दी से सिनेट के उद्घाटन करते हुए प्रभावशाली भाषण किया। इस प्रकार शासन के सभी क्षेत्रों में उन्होंने पहले से ही दक्षता प्राप्त कर ली और १६११ में जब वह राजगद्दी पर बैठे तो अपनी विशेष शासनुकशलता का परिचय दिया।
१६१३ के कालमार युद्ध में डेनमार्क को पराजित किया। रूस की राजगद्दी पर स्वीडेन का आधिपत्य कायम करने के लिए उसपर आक्रमण किया लेकिन असफल रहे। १६२१ में लिवोविया प्रदेश को हस्तगत करने के लिए पोलैंड पर आक्रमण किया पर पौलेंड से हार गए। लेकिन १६२९ की संधि से उन्हें अभीप्सित प्रदेश मिल गया, उन्होंने १६२८ में जर्मनी के तीस वर्षीय युद्ध में हस्तक्षेप कर पोलैंड़ की सुरक्षा के रूप में जर्मनी के एक प्रदेश को प्राप्त करना चाहा। १६२९ में उसकी सेनाएँ पीनेमंड में उतरीं और उन्होंने मित्रता चाही लेकिन ब्रांडेनबर्ग और सैक्सनी ने इनकार कर दिया।
सैक्सनी के जार्ज के सहयोग से कैथोलिक लीग की सेनाओं का नेतृत्व करनेवाले टिली के काउंट पर आक्रमण कर १७ सिंतबर, १६३१ को उसे ब्रिटेनफेल्ड स्थान पर पराजित किया। वह जर्मनी होते हुए मेंत्स पहुंचे और टिली को बुरी तरह पराजित किया : लेकिन वालेंस्टीन से उनका कड़ा मुकाबला हुआ। और ६ नवंबर, १६३२ को प्रात:काल के धुंधले वातावरण में उसने आक्रमण किया परंतु खुद गोली का शिकार बन गया।
गुस्ताउस अपने सैन्यसंचालन की कुशलता के लिए ही प्रसिद्ध हैं किंतु स्वीडेन की संसद का पुनर्गठन, स्वीडिश व्यापार कंपनी की स्थापना और लघु उद्योगों के विकास में उनकी प्रशासनिक योग्यता का भी परिचय मिलता है।