गुलेड्गुड्ड (गुलेड्गढ़) कर्णाटक राज्य के बीजापुर जनपद में बादामी ताल्लुके का एक ऐतिहासिक स्थान जो बादामी से नौ मील उत्तर-पूर्व स्थित है (स्थिति : १६ उ. अ. ७५ ४७ पू. दे.)

१५८० ई. में बीजापुर के शाह इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय ने यहाँ एक किले का निर्माण कराया। १७०६ ई. में सुंदर झील के तट पर इस नगर की स्थापना हुई। लेकिन कुछ वर्षों बाद ही (१७५० ई०) रस्तिया वर्ग के एक अफसर ने इसे घेर लिया और लूटा खसोटा। १७८७ ई. में यह टीपू सुल्तान के अधीनस्थ हो गया और तदनंतर मराठों की लूटपाट के कारण यहाँ के निवासी नगर छोड़कर भाग गए। देसाई परिवार के प्रभाव से लोग आकर पुन: बसे लेकिन दुर्भाग्यवश नरसिंह नामक आततायी ने इसे पुन: लूटा खसोटा और नगरनिवासियों को पुन: पलायन करना पड़ा। १८१८ ई० में, देसाई परिवार के आग्रह तथा सहयोग से जेनरल मुनरो ने निवासियों को पुन:स्थापित किया।

यहाँ सूती तथा रेशमी कपड़े तैयार किए जाते हैं और शोलापुर, बंबई, पूना आदि नगरों को निर्यात होते हैं। कस्बे के पास ही कीमती पत्थरों की खदानें भी हैं।

(काशीनाथ सिंह)