गुलमेंहदी अंग्रेजी बॉलसैम (Balsam), लैटिन इंपेशेन्स (Impatiens) बॉलासामिनेसिई (Balsaminaceae) कुल के वनस्पतियों का एक वंश है। इस वंश में ३०० से अधिक जातियाँ एशिया और अफ्रीका के उष्ण प्रदेशों की पहाड़ियों पर पाई जाती हैं। इनमें से २०० से अधिक जातियाँ भारतीय हैं। हिमालय, शिवालिक, विंध्य, सतपुड़ा, नीलगिरि इत्यादि पर्वतों में, उत्तरी शीतोष्ण कटिबंध और दक्षिण अफ्रीका में भी यह वंश वितरित है।
इं. बॉलसैमिना (I. Balsamina) उत्तर भारत में प्रधान है। इसकी छह प्रजातियाँ बगीचों में लगाई जाती हैं, जिनके पुष्प लाल, गुलाबी और श्वेत होत हैं। हिमालय और चीन इसका मूल स्थान है। रोज़िया प्रजाति पश्चिम हिमालय के जंगलों में अत्यधिक पाई जाती है। इसके बीज का तेल खाने और जलाने के काम आता है। लाल फूलवाली इंपेशेन्स सुल्तानी (I. sultani) का मूल स्थान जंज़िबार द्वीप हैं। इं. रायली (I. royeli) ऊँचा, सहनीशील, सरस, लाल फूलवाला, एकवर्षीय, हिमालय का पौधा, ठंडे देशों के बगीचों में उगाया जाता है। इं. नोलिटौंगियर इंग्लैंड में उगाया जाता है। इसी को छुई मुई (Touch-me-not) कहते हैं, क्योंकि इसके फूल छूते ही झटके से फट जाते हैं।
एक अथवा द्विवर्षी बरसाती पौधा, १/२ से १ मीटर ऊँचा, तना सरस (succulent), न्यूयनशाखीय, रंगविहीन अथवा हरित, नम्र प्रासवत पत्तियाँ ४-७ सें. लंबी, १ १/२-३ सें. चौड़ी आरा जैसा किनारा, ग्रंथित वृंत, एकांतरिक अथवा विपरीत दूरी पर स्थित। पुष्प सुंदर गुलाबी, पीत और श्वेत, एकाकी या गुच्छों में, पूर्ण कोणस्थित। बाह्यदल तीन, सामने का औरों से बड़ा, दलाभ (petaloid), स्वरपुटयुक्त (spurred) दल पाँच अथवा तीन, विभिन्न पुंकेसरों के परागकोष संयुक्त, इनसे वर्तिकाग्र आच्छादित; अंडाशय पाँच कोष्ठवाला, प्रत्येक कोष्ठ में तीन या अधिक लटकते अंडे। स्फोटीफल : ऊपर से झटके के साथ बीजों को प्रसारित करते समय पाँच लचीले टुकड़े लिपट जाते हैं। (रामदेव मिश्र)