गुप्त, श्रीगुप्त मगध के गुप्तवंश का प्रथम शासक। उसे प्रभावती गुप्ता के पूना ताम्रफलक में आदिराज और उसके प्रपौत्र समुद्रगुप्त को प्रयाग प्रशस्ति में महाराज कहा गया है। विद्वानों ने उसका समयप्राय: २६० और ३०० ई. के बीच निश्चित किया है। ७वीं सदी के अंमिम चरण में भारत आए चीनी यात्री इत्सिंग ने चि-लि-कि-तो (श्रीगुप्त) नामक एक शासक की चर्चा की है जो ५०० वर्ष पहले नालंदा से लगभग ४० योजन पूर्व दिशा में शासन करता था। कुछ विद्वानों ने इस श्रीगुप्त तथा गुप्त को एक अनुमान किया है। (विशुद्धनंद पाठक.)