गुग्गुल कतिपय वृक्ष तथा उनसे प्राप्त राल जैसा पदार्थ। भारत में इस जाति के दो प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं। एक को कॉमिफ़ोरा मुकुल (Commiphora mukul) तथा दूसरे को कॉ. रॉक्सबर्घाई (C.roxburghii) कहते हैं। अफ्रीका में पाई जानेवाली प्रजाति कॉमिफ़ोरा अफ्रकाना (C.africana) कहलाती है।

कुछ स्थानों से प्राप्त गुग्गुल का रंग पीलापन लिए श्वेत तथा अन्य का गहरा लाल होता है। इसमें मीठी महक रहती है। इसको अग्नि में डालने पर स्थान सुंगध से भर जाता है। इसलिये इसका धूप के सदृश व्यवहार किया जाता है। आयुर्वेद के मतानुसार यह कटु तिक्त तथा उष्ण है और कफ, बात, कास, कृमि, क्लेद, शोथ और अर्श नाशक है। (भगवानदास वर्मा)