गीजेर, एरिक गुस्ताव (१७८३-१८४७ ई.) स्वीडिश इतिहासकार, कवि और संगीतज्ञ। इनके विचारों पर जर्मन दर्शन का स्पष्ट प्रभाव दिखाई पड़ता है। सन् १८०९-१० में इन्होंने इंग्लैंड की यात्रा की जिसका विवरण इन्होंने अपनी पुस्तक इंप्रेशंस ऑव इंग्लैंड में दिया है। स्वीडिश रोमांटिक साहित्य को इन्होंने गॉथिक कला में लोगों की रूचि जगाकर एक नया तत्व दिया। इनकी वाइकिंग (Viking) कविताओं में गॉथिक तत्व की प्रधानता है। इनकी मुख्य कविताएँ ओडलबांडेन (द पीज़ैंट फ्री-होल्डर) तथा देन लिटिल कोलार्गासेन (द लिटिल चारकोल बर्नर) हैं। अपने लेखक जीवन के प्रारंभिक दिनों में ये रूढ़िवादी थे लेकिन बाद में इनकी विचारधारा काफी उदार हो गई थी और स्वीडन में उदारवादी परंपरा को विकसित करने में इनका बड़ा हाथ रहा है। स्वेंस्का फॉकेट्स हिस्तोरिया (Svenska folkats historia) में, जो तीन भागों में छपा, इन्होंने सन् १६५४ तक के स्वीडन के इतिहास पर व्यापक प्रकाश डाला। स्वेया रीका (Svea Rikes) में इनका विचार स्वीडन के पूरे इतिहास को देने का था लेकिन इसे ये पूरा नहीं कर पाए। इतिहासज्ञ के रूप में इन्होंने घटनाओं पर जोर न देकर इतिहास का निर्माण करने वाले व्यक्तियों को अधिक महत्व दिया। (तुलसीनारायण सिंह)