गिलगिट नगर और प्रदेश (वज़ारत wazaret) स्थिति : ३५० ५५’ उ. अ. और ७४० २३’ पू. दे.। कश्मीर में सिंधु नदी की सहायक गिलगिट नदी के दाहिने किनारे पर सिंधु से २४ मील दूर ४,८९० फुट की ऊँचाई पर स्थित है। यहां ६५ के घेरे में १८,००० फुट से लेकर २६,००० फुट तक की ऊँचाई की लगभग ३२ चोटियाँ हैं। वर्षा की मात्रा कम है। जलवायु स्वास्थ्यप्रद और शुष्क है। बर्फ अधिक समय तक रुकती नहीं। घाटी अत्यधिक उपजाऊ है और कृषिगत भूमि पर जनसंख्या का घनत्व लगभग १,२०० व्यक्ति प्रति एकड़ से ऊपर है। ७,००० फुट की ऊँचाई के ऊपर पाइन और फर के जंगल पाए जाते हैं जिनमें बकरियाँ, जंगली कुत्ते, लाल रीछ तथा स्थानपरिवर्तन करनेवाले पक्षी आदि पाए जाते हैं। कृषिकर्म अधिकतर ९,००० फुट के ऊपर होता है। नदियों में सोना प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। नगर से घाटी में सड़कें विकेंद्रित होती हैं। पट्टू नगर का प्रमुख औद्योगिक उत्पादन है। यारकंद से राजमार्ग द्वारा संबंधित हो जाने पर नगर की औद्योगिक उन्नति की अधिक संभावना है। निकटतम रेलवे स्टेशन हसन अब्दाल यहां से २५० मील दूर है।
मंदिरों में शिलालेखों के आधार पर यह एक हिंदू राज्य की राजधानी प्रतीत होता है। इसका प्राचीन नाम सरगिन (Sargin) था जो बदलकर गिलिट और फिर गिलगिट हो गया। स्थानीय भाषा में अब भी यह गिलिट या सरगिन गिलिट ही कहा जाता है। अंतिम हिंदू राजा बादत (Badat) जो आदमखोर के नाम से प्रसिद्ध था, मुसलमानों द्वारा मार डाला गया। बौद्ध धर्म के भी अवशेष यहां प्राप्त होते हैं। (कैलाानाथ सिंह.)