गाल्ज़वर्दी, जॉन (१८६७-१९३३ ई.) अंग्रेज उपन्यासकार, कहानीकार, नाटककार और कवि। उच्च कुल में जन्म हुआ, जिसके अनुभवों के आधार पर उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ कृति ‘द फोरसाइट सागा’ की सृष्टि की। उच्च मध्यकुल के टूटने, विशृंखल होने और उसकी आशा निराशाओं की कहानी गाल्ज़वर्दी ने बृहत् कथावृत्त में कही है।
उनकी शिक्षा सुप्रसिद्ध स्कूल, ईटन, में हुई और फिर आक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में। गाल्ज़वर्दी ने बैरिस्ट्री की डिग्री ली, किंतु कानून के प्रति उन्हें विशेष रुचि न थी। अध्ययन समाप्त करके वे विश्वभ्रमण के लिए निकल पड़े। साहित्यरचना उन्होंने ३० वर्ष की अवस्था पार करने के बाद आरंभ की।
उनके सुप्रसिद्ध उपन्यासों में ‘दि आइलैंड फ़ैरिसीज़’ (१९०४), ‘द कंट्री हाउस’ (१९०७), ‘फ्रैटर्निटी’ (१९०९), द पैट्रिशियन (१९११) और फोरसाइट सागा से संबंधित नौ उपन्यासों की लड़ी विशेष उल्लेखनीय है। फोरसाइट गाथा के उपन्यासों का रचनाकाल इस प्रकार है : ‘द मैन ऑव प्रॉपर्टी’ (१९०६), ‘इन चांसरी’ (१९२०), ‘टू लेट’ (१९२१); यह उपन्यासमाला द फोरसाइट सागा के नाम से विख्यात है। फोरसाइट परिवार से संबंधित इस गाथा को उन्होंने ‘ए माडर्न कॉमेडी’ में बढ़ाया। इस माला में भी तीन उपन्यास हैं : ‘द ह्वाइट मंकी’ (१९२४), ‘द सिलवर स्पून’ (१९३६) और ‘द स्वान सांग’ (१९२८)। एक बार फिर अपने जीवन के अंतकाल में उन्होंने इस गाथा को तीन उपन्यासों की एक लड़ी में पिरोया। इन उपन्यासों के नाम हैं : ‘मेड इन वेटिंग’ (१९३१), ‘फ्लॉवरिंग विल्डरनेस’ (१९३२) और ‘ओवर द रिवर’ (१९३३)।
गाल्ज़वर्दी बड़े सफल कहानीकार भी थे। उनकी कहानियाँ ‘कारवाँ’ नाम के संग्रह में एकत्रित हैं। इनमे ‘दि ऐपुल ट्री’, ‘द फर्स्ट ऐंड द लास्ट’, ‘डिफ़िट’ आदि कहानियाँ बड़ी मार्मिक हैं।
गाल्ज़वर्दी के नाटक भी उनके उपन्यासों के समान ही महत्वपूर्ण हैं। इनमें विशेष उल्लेखनीय हैं : ‘द सिल्वर बॉक्स’ (१९०९), ‘स्ट्राइफ’ (१९०९), ‘जस्टिस’ (१९१०) ‘द स्किन गेम’ (१९२०), ‘लॉयल्टीज’ (१९२२)।
उनकी कविताएँ ‘वर्सेज-ओल्ड ऐंड न्यू’ से शीर्षक से ‘दि इन ऑव ट्रैंक्विलिटी’ के साथ संगृहित हैं। गाल्ज़वर्दी ने अनेक आलोचनात्मक निबंध भी लिखे हैं, जिनका संकलन ‘कैंडिलैब्रा’ (१९३२) शीर्षक से प्रकाशित हुआ है। इनमें अनेक निबंध बहुत महत्व के हैं, उदाहरण के लिए, ‘सम प्लैटिट्यूडुज कंसर्निग ड्रामा’, ‘क्रिएशन ऑव कैरेक्टर इन लिटरेचर’ ‘वेग थॉट्स ऑन आर्ट’ आदि।
गाल्ज़वर्दी का साहित्य इंग्लैंड के विक्टोरियन युग का सामाजिक इतिहास कथाबद्ध करता है। जिस वर्ग में गाल्ज़वर्दी ने जन्म लिया था, उसकी उन्होंने साहित्य में बड़ी मार्मिक आलोचना की हैं। फॉरसाइट परिवार इंग्लैंड के उच्च मध्यकुलों का प्रतीक है। इस परिवार के सदस्य एक ओर तो धन संपत्ति बटोरने में लगे हैं, दूसरी ओर वे सुंदरता के स्वप्न भी देखते हैं। इस अंतर्द्वंद्व का प्रतीक फोरसाइट सागा का नायक सोम्ज़ है। संपतिसंग्रह की भावना के प्रति गाल्ज़वर्दी के हृदय में तीव्र विद्रोह था। इसे उन्होंने ‘दि आइलैंड फ़ैरिसोज’ नाम के उपन्यास में व्यक्त किया है। ‘स्ट्राइफ’ और ‘द स्क्नि गेम’ शीर्षक नाटकों में भी गॉल्ज़वर्दी इन्हीं भावानाओं को व्यक्त करते हैं। वे इंग्लैंड की न्यायव्यवस्था से बहुत असंतुष्ट थे। उनका विचार था कि इस व्यवस्था में धनी के लिए एक न्याय है और गरीब के लिए दूसरा। विवाह और तलाक से संबंधित कानून से भी उनका तीव्र मतभेद था। इन क्रूर नियमों के शिकार वे स्वयं हुए थे। ‘द मैन ऑव प्रॉपर्टी’ का ढाँचा इसी विद्रोह पर आधारित है।
गॉल्ज़वर्दी का संपूर्ण कथासाहित्य और नाटकसाहित्य इस युग की सामाजिक व्यवस्था के प्रति तीव्र विरोध की भावना व्यक्त करता है, किंतु इस प्रक्रिया में उन्होंने मानव संबंधों की बड़ी कोमल और सूक्ष्म व्याख्या भी की है। उनके अनेक पात्र अंग्रेजी साहित्य के चिरस्मरणीय पात्र बन गए हैं; ये पात्र मनुष्य के हृदय के अनेक सूक्ष्म व्यापारों को बड़ी कोमलता से प्रकट करते हैं।
गाल्ज़वर्दी शासकवर्ग के संपत्तिसंचय के आदर्शों पर घन की चोट करते हैं। साथ ही अपनी सौंदर्य कल्पना को भी वे निरंतर मार्मिक शैली में व्यक्त करते हैं। गॉल्ज़वर्दी का साहित्य मानवीय संबंधों का अनुभूति और संवेदना से परिपूर्ण अध्ययन है, जिसमें सूक्ष्म दृष्टि के साथ गहराई और विस्तार दोनों ही है। इसीलिए आधुनिक युग के प्रथम श्रेणी के कुछ ही कलाकारों में गाल्ज़वर्दी की गणना है।
सं. ग्रं.-नेटली क्रोमैन : जॉन गाल्ज़वर्दी; लेआैं शैलिट : जॉन गाल्ज़वर्दी; हर्मन ओल्ड : जॉन गाल्ज़वर्दी; मैरट : लाइफ ऐंड लेटर्स ऑव जॉन गाल्ज़वर्दी।
(प्रकाशचुद्र गुप्त)