गाल (१) गाल उस प्रदेश का अंग्रेजी नाम है जिसे रोमन लोग गैलिया कहते थे। इसके अंतर्गत आधुनिक समूचा फ्रांस और पूर्व की ओर फ्रांस की सीमा से कुछ आगे का भाग सम्मिलित था। आरंभिक रोमन युग में यहाँ बेल्गे, क्वीतानी और कैल्टी अथवा गैली लोग रहते थे। संयुक्त रूप से ये तीनों समूह गाल कहलाते थे। वे लोग दाढ़ी और केश दोनों रखते थे। ३९० ई. पू. गाल लोग आल्प्स पार कर इटली में घुसे और रोम को नष्टभ्रष्ट कर डाला। वे इटली से निकाल बाहर तो किए गए पर काफी समय तक वे इटली प्रायद्वीप के उत्तरी भाग पर अपना प्रभुत्व बनाए रहे। २०० ई. पू. गाल लोगों ने ्थ्रोस और मैसीडोनिया पर आक्रमण किया और लघु एशिया में घुसे। इस प्रदेश में वे गैलीशियन के नाम से प्रख्यात हुए।
रोमनों ने गालों को इटली से निकालने के बाद आल्प्स के उत्तर में रहनेवाले गालों पर आक्रमण किया और ई. पू. १०० तक भूमध्यसागर की गालों वाली पट्टी पर अधिकर कर लिया। जूलियस सीजर ने समस्त गालों पर अधिकार प्राप्त किया। इसके लिए उसने ई. पू. ५८ और ई. पू. ५० के बीच अनेक अभियान किए। उन सबका वर्णन अपनी पुस्तक ‘द गैलिक वार्स’ में किया है। रोम के अधीन वे चार प्रांतो में बँटे रहे और इसी रूप में अगले चार सौ साल तक रहे। उनका परवर्ती इतिहास जर्मन जातियों यथा, गाथ, बर्गुडी आदि में घुल मिल गया है। (प. ला. गु.)
(२) श्रीलंका के दक्षिण-पश्चिमी समुद्रतट पर अवस्थित एक नगर तथा पत्तन है। अपनी उत्कृष्ट स्थिति के कारण यह उन्नतिशील नगर है। इसकी जनसंख्या ३८,४२४ (१९३१ ई.) से बढ़कर ५५,८४८ (१९५३ ई.) हो गई। श्रीलंका के नगरों में इसका पाँचवाँ स्थान है। इसके समीप बगानी कृषिक्षेत्र है, अत: यहाँ के पत्तन से नारियल का तेल, जटाएँ, रेशे और उससे बनी रस्सियाँ, रबर, तथा चाय का निर्यात होता है। यद्यपि यह नगर प्राचीन प्रतीत होता है, तथापि १२६७ ई. से पहले इसका कोई ऐतिहासिक उल्लेख नहीं मिलता। १४वीं सदी के मध्य में अरब यात्री इब्नबतूता ने इसका उल्लेख काली (Kali) नाम से किया है। वस्तुत: इसका समुन्नितकाल पुर्तगालियों के आगमन के पश्चात् प्रारंभ होता है। यह डचों द्वारा स्थापित बंदरगाह है। पोताश्रय (harbour) के किनारे प्राकृतिक हैं किंतु प्रवेशद्वार खुला तथा खतरनाक चट्टानों से युक्त है। यहाँ डचों ने एक किला भी बनवाया था। यह १९वीं सदी के पूर्वार्ध तक श्रीलंका का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पत्तन रहा। स्वेज नहर (१८६९ ई.) बनने तथा कोलंबों के विशाल कृत्रिम बंदरगाह के निर्माण के बाद इसका महत्व घट गया। यह उत्तर में कोलंबों से तथा दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में मतारा से रेल तथा राजमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। यह गाल जनपद का प्रधान प्रशासनिक नगर भी है। इसे प्वांट डी गाल (Point de Gall) भी कहते हैं।
(काशीनाथ सिंह)