गार्फील्ड, जेम्स अब्राहम (१८३१-१८८१) संयुक्त राष्ट्र अमरीका का चतुर्थ राष्ट्रपति। उसका जन्म १९ नवंबर, १८३१ को ओहायो प्रांत के क्यूपहोगा जिले के एक ग्राम में हुआ था। दो वर्ष के थे तभी पिता को देहांत हो गया। इस कारण उन्हें बचपन से ही कृषि कार्य में श्रम करना पड़ा। खेती के काम के साथ कुछ कुछ पढ़ते भी रहे। सत्तरह वर्ष की अवस्था में घर से काम की खोज में निकले पर नौकरी में सफल न होने पर घर लौट आए और पढ़ने में दत्तचित्त हो गए और १८५६ में शिक्षा समाप्त कर हिरम कालेज में ग्रीक और लैटिन के अध्यापक बन गए। अध्यापक के रूप में उन्हें काफी सफलता मिली और एक वर्ष के बाद ही वे कालेज के प्रेसीडेंट हो गए। तदनंतर राजनीति में भाग लेने लगे। १८५९ में वे ओहायो राज्य के सिनेट के सदस्य चुने गए। किंतु बीच में ही युद्ध छिड़ जाने पर अगस्त, १८६१ को उन्हें वालटियरों के एक दस्ते का लेफ्टिनेंट कर्नल बनाकर युद्ध में भेज दिया गया। १८६२ की जनवरी में एक ब्रिगेड के कमांडर के रूप में उन्हें शत्रु को पराजित करने में सफलता मिली और वे ब्रिगेडियर जनरल बना दिए गए। युद्धक्षेत्र में ही थे तभी वे १८६२ में संयुक्त राष्ट्र की संसद् की लोकसभा के सदस्य चुने गए और उसके बाद तो वे संसद् के सदस्य अनेक बार चुने गए। १८८० में वे राष्ट्रपति के लिए रिपब्लिकन दल की ओर से खड़े किए गए। वस्तुत: वे इस पद के लिये किसी रूप में उम्मीदवार न थे, वरन् दलगत फूट और मतभेदों ने उन्हें अचानक ला खड़ा किया और वे केवल १०,००० मत के बहुमत से डेमोक्रैटिक के उम्मीदवार को हराकर राष्ट्रपति चुने गए। किंतु वे इसका उपयोग केवल चार मास कर पाए थे कि २ जुलाई, १८८१ को, जब वे छुट्टी मनाने जा रहे थे, एक असंतुष्ट कर्मचारी ने उनकी पीठ पर पिस्तौल से गोली दाग दी। १९ सितंबर, १८८१ को अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। (परमेश्वरीलाल गुप्त.)