गाजीउद्दीन, खाँ बहादुर फीरोज जंग अमीर उल-उमरा निजामुल्मुल्क आसफजाह का पुत्र मीर मोहम्मद पनाह। बचपन से ही मोहम्मद शाह के दरबार में पला और अठदियों का बख्शी बना। सन् १७४० में खानदौरा के मरने पर जब इसका पिता दक्षिण में मीरबख्शी नियुक्त किया गया, तब यह अपने पिता के पद पर काम करने लगा। पिता की मृत्यु के पश्चात अमीर-उल-उमरा की उपाधि के साथ यह स्वयं मीरबख्शी नियुक्त हुआ। नासिरजंग की मृत्यु के पश्चात गाजीउद्दीन ने होल्कर से दक्षिण की सूबेदारी प्राप्त करने में सहायता माँगी। मोहम्मद शाह ने इसको निजामुल्मुल्क की उपाधि देकर दक्षिण का सूबेदार नियुक्त किया। अब यह बुरहानपुर और वहाँ से औरंगाबाद पहुँचा। परंतु सन् १७५२ ई. में विषाक्त भोजन खाने से उसकी मृत्यु हो गई।