गाजियाबाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मरेठ जनपद का एक नगर (स्थिति: २८ ४० उ. अ. तथा ७७ २६ पू. दे.)। यह नगर दिल्ली महानगरी के बृहत्तर क्षेत्र में पड़ता है और इसका आधुनिक विकास दिल्ली क्षेत्र में कार्य करनेवालों के प्रवासीय नगर (Dormitary town) के रूप में होकर अब यह दिल्ली का एक उपनगर सा हो गया है।
दक्षिणपथ के शासक आसफजाह के पुत्र वजीर गाजीउद्दीन ने १७४० ई० में इस नगर की स्थापना की और इसे गाजीउद्दीन नगर नाम दिया था। यहाँ उसने बृहत् सराय का निर्माण कराया था। कालांतर में उच्चारण सुविधा से नगर गाजियाबाद कहा जाने लगा। १८५७ के प्रथम भारतीय स्वातंत्र्य संग्राम में यह नगर स्वदेश प्रेमियों का विशाल अड्डा था। १९वीं सदी के उत्तरार्ध में रेलमार्ग की सुविधा पाकर यह कृषिपदार्थों की बड़ी मंडी बना। अब यहाँ कृषि पदार्थों पर आधारित उद्योग विकसित हो गए हैं। रेलमार्गों का जंक्शन होने के कारण यहां एक स्वतंत्र रेलवे बस्ती बन गई हैं।
इस नगर के क्रेंदीय क्षेत्र में दो लंबी चौड़ी पक्की मंडियाँ हैं जो आयोजित रूप से स्थापित की गई है। बाद में दो अन्य मंडियाँ----राइटगंज और वियरगंज भी बनीं। १८६८ में यहाँ नगरपालिका की स्थापना हुई। (कााश्नीाथ सिंह)