गाइगर, लुडविग विल्हेम (१८५६-१९४३ ई.) जर्मन प्राच्यविद। २१ जुलाई, १८५६ को नूर्नवुग में जन्म। स्पाइगेल के शिष्य के रूप में उन्होंने संस्कृत और ईरानी भाषा का अध्ययन किया। १८९१ में उन्होंने अर्लांजेन विश्वविद्यालय में भोरोपीय भाषा का अध्यापन आरंभ किया। १८९५ ई. में वे भारत और श्रीलंका आए और लौटकर अपने यात्रा संस्मरण प्रकाशित किए। तदनंतर उन्होंने ईरानी भाषाशास्त्र पर शोधपूर्ण ग्रंथ लिखा। १९२० में म्यूनिख विश्वविद्यालय में भारतीय और ईरानी भाषाविज्ञान के प्रोफेसर नियुक्त हुए और आजीवन वहाँ पढ़ाते रहे। उनका महावंश का पाठालोचित संस्करण विश्वविख्यात है। संस्कृत भाषा, पाली साहित्य और पाली धम्म पर जर्मन भाषा में लिखे उनके ग्रंथ महत्व के माने जाते हैं। इनके अतिरिक्त सिंहली और अफगानिस्तान की भाषा पर भी उन्होंने ग्रंथ लिखा है। ६ सितंबर, १९४३ ई. को उनकी मृत्यु हुई। (परमेश्वरीलाल गुप्त)