गांबेता ल्यों (१८३८-१८८२ ई.) फ्रांसीसी राजनीतिज्ञ। जन्म २ अप्रैल, १८३८ को कोहोर्रा नामक स्थान में हुआ। युवावस्था में एक दुर्घटना के कारण उनकी बाई आँख जाती रही।

मई, १८६९ में वे विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। जर्मनी से लड़ाई रोकने के लिये पहले तो उन्होंने पूरी कोशिश की किंतु जब युद्ध अवश्यंभावी हो गया तो उन्होंने अपनी समस्त शक्ति राष्ट्रीय प्रतिरक्षा की दिशा में लगा दी। शत्रुओं द्वारा पेरिस जीत लिए जाने पर राजकुमार बिस्मार्क की शर्तों को स्वीकार करते हुए आत्मसमर्पण कर दिया। यद्यपि विधानसभा के लिये उनका निर्वाचन पुन: हुआ तथापि किसी महत्वपूर्ण विषय पर मतांतर होने के कारण विधानसभा की सदस्यता त्यागकर वे स्पेन चले गए। फ्रांस लौटने पर देश में गणतांत्रिक सरकार की स्थापना के लिए ला फ्राँस्वा (La Francoise) नामक पत्र के माध्यम से उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किया। ला ग्राँ मिनिस्तर नामक मंत्रिमंडल संगठित करने पर लोगों ने ल्यों पर निरंकुशता का आरोप लगाया जिसके फलस्वरूप २५ जनवरी, १८८२ को मात्र ६६ दिन के उपरांत उन्हें मंत्रिमंडल भंग कर देना पड़ा। २७ नवंबर, १८८२ को किसी ने रिवाल्वर से गोली मार दी जिससे ३१ दिसंबर को उनकी मृत्यु हो गयी। (लालजी सिंह)