गरहार्ट, चार्ल्स, फ्रेडेरक (सन् १८१६-१८५३), फांसीसी रसायनज्ञ। इनका जन्म २१ अगस्त, १८१६ ई. को स्ट्रासबर्ग (Strasbourg) नामक स्थान में हुआ था। इन्होंने लाइपज़िग में आटो एर्डमान (Otto Erdmann) के अधीन रसायन का अध्ययन किया और उन्हीं की सिफारिश पर ड्यूमा के सहायक नियुक्त हुए। पेरिस विश्वविद्यालय से इन्हें डॉक्टर की उपाधि मिली और १८४४ ई. में मौंटपेल्ये (Montpellier) में और १८५५ ई. में स्ट्रासबर्ग में रसायन के प्रोफेसर नियुक्त हुए। १८५२ ई. में इन्होंने पहले पहल अम्ल ऐनहाइड्राइड (Acid Anhydride) तैयार किया। १८३८ में इन्होंने कार्बनिक यौगिकों के मूलक सिद्धांत (Redicle Theory) को पुनरुज्जीवित किया और अवशिष्ट सिद्धांत (Residual Theory) की स्थापना की। १८४५ ई. में सजातीय यौगिकों (Homologues) और अनुबद्ध यौगिकों (Conjugated Compounds) का सुझाव रखा। इन्होंने यह विचार भी व्यक्त किया कि सब वस्तुएँ चार प्रमुख वर्गों, हाइड्रोजन, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, जल और ऐमोनिया पर ही आधारित हैं। इस विचार को पीछे त्याग देना पड़ा, पर कार्बनिक रसायन में संरचनासूत्र के विकास में इससे बड़ी सहायता मिली है। (फूलदेवसहाय वर्मा)