गबेल्स, जाज़ेफ (१८९७-१९४५) जर्मन राजनीतिज्ञ। इतिहास और साहित्य का अध्ययन कर १९२५ में जर्मनी के राष्ट्रीय समाजवादी दल का वैतनिक कर्मचारी बना। १९२६ में वह इस दल की बर्लिन शाखा का नेता (ग्वालेटर) बना दिया गया। १९२८ में वह बर्लिन से प्रकाशित होनेवाली पार्टी की पत्रिका दर अंग्रिफ का संपादक हुआ। इसी वर्ष वह रीशटाख (जर्मन संसद्) का सदस्य निर्वाचित हुआ। १९२९ में प्रचार विभाग के प्रधान के रूप में दल के निर्देशक गुट में सम्मिलित हुआ। जब उसके दल की रीश (संसद्) में प्रधानता हुई तो १९३३ में एक नया विभाग स्थापित कर उसे प्रचार और लोकचेतना विभाग का मंत्री बना दिया गया। मेधावी तो था ही। नैतिकता की चिंता ने करके अत्यंत विध्वंसक दृष्टिकोण के साथ उसने अपने दल का खूब विकास किया और उसकी शक्ति के अतिक्रमण में भी नहीं चूका। उसका प्रचार विकृत तथ्यों, झूठ, गालियों से भरा रहता था। प्रेस, नाटक, फिल्म, संगीत और कला संस्थाओं का अनिवार्य प्रधान होने के कारण वह एक प्रकार से जर्मनी के सांस्कृतिक जीवन का अधिनायक (डिक्टेटर) बन बैठा था। द्वितीय महायुद्ध के समय वह देश विदेश के प्रचार का निर्देशक और पार्टी के नेता (ग्वालेटर) के रूप में बर्लिन के स्थानीय शासन और युद्धकालीन अर्थनीति का नियामक था। पूर्ण सैनिकीकरण भी उसके हाथों में दे दिया गया था। दल के भीतर अनेक दलों से तटस्थ रहकर वह आजीवन हिटलर का साथ देता रहा। हिटलर ने उसे अपनीवसीयत में चांसलर बनाने की बात लिखी थी। हिटलर की मृत्यु के दूसरे ही दिन उसने आत्महत्या कर ली। १९४८ में उसकी दैनंदिनी प्रकाशित हुई। (परमेश्वरीलाल गुप्त)