गबेल, फान कार्ल एबरहार्ट, (Goebel, von Karl Eberhardt ) जर्मन वनस्पति वैज्ञानिक। इनका जन्म बाडेन (Baden, Austria) प्रदेश के बिएटिंघाइम (Bietigheim) कस्बे में हुआ था। इन्होंने ट्यूबिंजेन (Tubingen) में हौफमास्टर (Hofmeister) के और स्ट्रैसबर्ग (Strasbourg) में डे बारी (De Barry) के अधीन अध्ययन किया था।
कुछ समय तक ज़ाक्स (Sachs) के सहायक के रूप में तथा अन्य पदो पर कार्य करने के पश्चात्, ये सन् १८९१ में म्यूनिख विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर नियुक्त हुए। इनका समस्त वैज्ञानिक जीवन इसी पद कार्य करते बीता।
बीजवाले तथा अंडधानी (archegonium) पौधों की आकारिकी (morphology) तथा जैविकी (biology) संबंधी महत्वपूर्ण कृतियों के लिये ये प्रसिद्ध है। इन्होंने कई प्रसिद्ध पुस्तकें लिखी है। इनमें फ्लांज़ेन बायोलोगिश शिल्डरुन्गेन (Pflanzen Biologische Schilderungen), ज़ाक्स की पुस्तक के लिए लिखी वर्गीकरण तथा विशेष आकारिकी की रूपरेखा (Outlines of Classification and Special Morphology), पौधो की अंगवर्णना (Organography), आर्गेनोग्राफ़ी डेर फ्लांज़ेन इंसबेजांडेर आर्कीगोनिएटेन उंड सामेन फ्लांज़ेन इत्यादि प्रसिद्ध हैं। अंतिम पुस्तक इनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक हैं। (सावित्री जायसवाल)