गंजाम

  1. उड़ीसा राज्य का एक जिला (स्थिति: १८ ४७ से २० २४ उ. अ.; ८३ ४५ से ८५ १२ पू. दे.)। इसका क्षेत्रफल लगभग १२,५२७ वर्गकिलोमीटर है। १९७१ में इसकी जनसंख्या २२,९३,८०८ थी।
  2. बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित इस जनपद का अधिकतम भूभाग उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली हुई पूर्वी घाट पहाड़ियों की चट्टानों से निर्मित है। महेंद्रगिरि और सिलराजू सर्वोच्च चोटियाँ (५,००० फुट या १५२४ मीटर) हैं। रूशी कुल्या, बंसधारा और लांगुल्य तीन मुख्य नदियाँ हैं जो सिचाई के लिए प्रयुक्त होती हैं तथा अपनी सहायक नदियों के साथ पहाड़ियों को काटती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। सामान्य धरातल पर्वतीय और मैदानी दोनों हैं। तटीय भागों तथा नदी घाटियों की काँप के अतिरिक्त प्राचीन युग की नाइस तथा सिस्ट चट्टानें धरातल पर मिलती हैं। १,२१९.२ मीटर की ऊँचाई पर प्राय: ६.०१ मीटर मोटी लैटराइट चट्टान फैली हुई है। गंजाम खंड के अतिरिक्त शेष जनपद की जलवायु अच्छी है। औसत वार्षिक वर्षा २२४.३ सेंटीमीटर है जिसकी व्याप्ति लगभग ५९ दिनों तक रहती है। वर्षा उत्तर-पूर्वीय तथा दक्षिण-पश्चिमी दोनों मौसमी वायुओं से होती है। जनपद का अधिक भाग वनों से आच्छज्ञछित है जिनमें साल प्रमुख हैं। साँभर, हिरन, जंगली कुत्ते, नीलगाय आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। काली, दुमट और लाल मिट्टी के प्रकार यहाँ मिलते हैं। धान प्रमुख उपज है। बुरहानपुर जनपद का प्रमुख नगर है जहाँ इंजीनियरिंग स्कूल, औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र, संस्कृत कालेज और चेंबर ऑव कामर्स व्यापारिक संस्थान हैं। इसके अतिरिक्त उत्कल विश्वविद्यालय से संबद्ध अनेक शिक्षा संस्थाएँ हैं। जनसंख्या का घनत्व लगभग १५२ व्यक्ति प्रति वर्ग मील तथा साक्षरता २१ प्रति शत है।
  3. दक्षिण-पूर्वी-रेलवे की हबड़ा-विजयवाड़ा-शाखा पर स्थित एक प्राचीन महत्व का नगर (स्थित : १९ २३ उ. अ. तथा ८५ पू. दे.)। १८१५ ई. के बाद जनपद के प्रशासनिक कार्यालयों का स्थानांतरण बुरहानपुर हो जाने से इसका व्यापारिक महत्व घट गया है। नगर में नमक बनाने का कार्य गृहउद्योग के रूप में प्रचलित है। चावल यहाँ का प्रमुख निर्यात पदार्थ है। (कैलाशनाथ सिंह)