गंगाधर
- भगीरथ की प्रार्थना
पर शिव ने गंगा
को अपने मस्तक
पर धारण किया
था अत: उनका एक नाम।
- विभिन्न समयों
में हुए अनेक प्रसिद्ध
पंडितों, टीकाकारों
और ग्रंथकारों
के नाम। इनमें
से एक प्राचीन कोशकार
और कात्यायन
सूत्र की टका, आधानपद्धति,
संस्कारपद्धति
आदि संस्कृत ग्रंथों
के रचयिता माध्यंदिन
शाखाध्यायी प्राचीन
स्मार्त पंडित थे
देवतार्चनविधि,
निर्णयमंजरी,
योगरत्नावली,
रसपद्माकर (अलंकार
ग्रंथ) आदि ग्रंथों
के विविध प्रणेता
इसी नाम के विविध
व्यक्ति थे। तर्कदीपिका,
सूर्यशतक और
संगीतरत्नाकर
के गंगाधर नामधारी
टीकाकार भी
एक दूसरे से भिन्न
बनाए गए हैं। संस्कृत
के एक अन्य प्रसिद्ध
ग्रंथकार भी
इसी नाम से विख्यात
हैं। जिन्होंने
गंगास्तोत्र, तर्कचंद्रिका,
तीर्थकाशिका
प्रपंचसारविवेक
आदि अनेक ग्रंथों
की रचना की
है। न्यायकुतूहल
और न्यायचंद्रिका
के प्रणेता तथा
इनसे भिन्न एक प्रसिद्ध
वैयाकरण और
एक नैयायिक पंडित
भी इसी नाम के
व्यक्ति हैं। (रामशंकर
मिश्र.)