खैरागढ़ १. छत्तीसगढ़ (मध्य प्रदेश) का एक नगर (स्थिति : २१ ४ से २१ ३४ उ० अ० और ८० २७ से ८१ १२ पू० दे०)। यह नाँदगाँव और भंडारा जिले के बीच के भूभाग में स्थित है। पहले यह देशी रियासत था। यहाँ के राजा गोंड वंशी थे और उन्हें १८९८ ई० में अंग्रेजों ने राजा की पदवी प्रदान की थी।

इसका क्षेत्रफल ९३१ वर्ग मील है। यहां भी भूमि समतल और उपजाऊ है। यहाँ कोदो, धान तथा कपास पर्याप्त मात्रा में पैदा होता है। पूर्व की भूमि काली मिट्टी की है परंतु पश्चिम में बलुई मिट्टी पाई जाती हैं।

२. आगरा जिले का दक्षिणी पश्चिमी तहसील (स्थिति : २६ ४१ से २७ उ. अ. तथा ७७ २६ से ७८ पू. दे.)। इस तहसील में इसी नाम का एक परगना भी है। खैरागढ़, तहसील का प्रधान केंद्र है। उतंगन नदी इस तहसील को दो भागों में विभक्त करती है। इसका दक्षिणी भाग विंध्य पर्वतमाला का ही प्रसार है जो लाल पत्थरों का बना हुआ है। पत्थरों का उपयोग इमारत बनाने में किया जाता है। पर्वत के समीप की भूमि बलुई है। नदी के पूर्व की भूमि मटियार है।

(रामलोचन सिंह; परमेश्वरीलाल गुप्त)