खेवट
जमींदारी उन्मूलन
एवं भूमि-सुधार
अधिनियम से पूर्व
पटवारी का वह
रजिस्टर या खाता
जिसमें प्रत्येक भूस्वामी
और पट्टेदार
का भाग लिखा
जाता था और
उस पर निर्धारित
राजस्व स्पष्ट किया
जाता था। अवध में
उप-भू-स्वामियों
से संबंध रखनेवाले
खेवट भी होते
थे। इनके अतिरिक्त
राजस्व से मुक्त
भूमि को धारण
करनेवाले व्यक्तियों
से संबंधित खेवट
भी होता था। जितेन्द्र
कुमार मित्तल)