खीरा बरसाती फल। इसे त्रपुसी या त्रपुस, कसद या खियार आदि कुकुंबर (cucumber) कहते हैं। यह ककड़ी और खरबूजे की जाति का फल है जो कर्कटी कुल (cucurbitaccae) के अंतर्गत क्यूक्यूमिस सेटावाइस (cicimis sativus) नामक लता से पैदा होता है। यह लता दृढ़ रोमों के कारण खरस्पर्श और नि:शाख तंतुओं (tendrils) से युक्त होती है। पत्तियाँ व्यास में पाँव इंच तक, पतली, दोनों पृष्ठों पर रोमश, किनारों पर कोण अथवा खंडयुक्त और आधार में हृदयाकार तथा भीतर घुसी हुई होती हैं। पुष्प एकलिंगी, पीले और व्यास में एक इंच तक के होते हैं। नरपुष्प गुच्छों में और नारी पुष्प एंकाकी, नरपुष्पों के परागाशाय संयुक्त, लंबाई में दोहरे हुए होते और उनके संयोजक ऊपर की ओर बढ़े हुए होते हैं। फल बेलनाकार, पहले दृढ़ रोमों अथवा तीक्ष्णाग्र अवयवों से ढके हुए और तैयार होने पर, इसीलिए, खुरदुरे होते हैं।
खाने में कच्चे फल का तथा चिकित्सा में इनके बीजों और बीजतैल का समान उपयोग होता है। यह शीतल, मूत्रल और कामता, रक्तपित्त एवं उष्णाताजन्य विकारों में उपयोगी माना जाता है। (ब. सिं.)