खासिया कुमायूँ और टेहरी गढ़वाल (उत्तरप्रदेश) में बसनेवाली एक जाति जो कदाचित् उस प्राचीन खस लोगों की वंशज है, जिसका उल्लेख महाभारत, पुराण एवं अन्य साहित्य में मिलता है। प्राचीनकाल में खसों ने कश्मीर की सीमा से लेकर नैपाल पर्यंत हिमालय के निचले भाग पर अधिकार कर लिया था। उस कारण कुमायूँ प्रदेश को खास देश भी कहते है। मूल खस और अन्य स्थानीय लोगों के पारस्परिक सामाजिक आदान प्रदान के फलस्वरूप खासिया जाति ने रूप धारण किया।
कत्युरी वंश के राजाओं ने इस प्रदेश के अपने समग्र राज्य में बाहर से ब्राह्मण और क्षत्रियों को लाकर बसाया था। उनका स्थानीय खासिया लोगों के साथ जब रोटी-बेटी का व्यवहार आरंभ हुआ तो उनमें खास ब्राह्मण और खास क्षत्रिय के रूप में दो भेद हो गए। (परमेश्वरीलाल गुप्त.)