खरदूषण खर, सुमाली राक्षस की कन्या राखा तथा विश्ववसु मुनि का पुत्र था। दूषण एक मत से इसका भाई, किंतु दूसरे मत से इसका सेनापति था। ये दोनों रावण के आदेश से उसकी और उसके देश लंका की रक्षा के लिए दक्षिणी भारत के जंगलों में रहा करते थे। शूर्पणाक खर की बहिन थी। पंचवटी में जब लक्ष्मण ने शूर्पणाखा के नाक कान काट लिए तो उसके कहने पर खर दूषण तथा त्रिशिरा आदि के साथ राम से लड़ने गया। युद्ध में राम के हाथों वे सभी मारे गए। (भोलानाथ तिवारी)