क्वेटा उत्तरपश्चिम पाकिस्तान में लगभग ५,५०० फुट ऊँचाई पर स्थित नगर (स्थिति: ३० उ. अ. और ६७ पू. दे.)। यह बिलोचिस्तान जिले का मुख्य नगर है । इस नाम के मूल में क्वात-कोट है और स्थानीय लोग इसे शलकोट कहते हैं। गर्मी में गर्म दिन और ठंढी रातें होती हैं। जाड़े का ताप प्राय: १८ सें. से नीचे रहता है। वार्षिक वर्षा का औसत १० इंच है। प्रसिद्ध बोलन दर्रे पर स्थित होने से इसका सैनिक महत्व रहा है। १८७६ ई. में जब सर राबर्ट संडेमन ने वहाँ रेजीडेंसी स्थापित की तब उसे महत्व प्राप्त हुआ। इससे पूर्व वह एक छोटा सा बाजार था और कुछ मिट्टी के घर तथा छिटपुट बगीचे थे। यहाँ १९०७ में एक सैनिक स्कूल खोला गया और यह पश्चिमी अफगानिस्तान पूर्वी ईरान और अधिकांश मध्य एशिया से व्यापार का केंद्र बना और इसे रेलमार्ग से जोड़ा गया। १९३५ में यह नगर एक भीषण भूकंप में प्राय: एकदम नष्ट हो गया था। इस भूकंप से मरे लोगों की संख्या २० से ४० हजार के बीच आँकी गई थी। १९५५ में यहाँ दुबारा भूकंप आया था।

आजकल यहाँ पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैनिक अड्डा तथा सैनिक शिक्षालय है और रेलों के द्वारा यह अफगानिस्तान तथा ईरान की सीमा से जुड़ा है। पाकिस्तान के अन्य नगरों को यहाँ से सड़कें जाती हैं। यहाँ मुख्यत: ताजे और सुखे मेवे, फल, जड़ी बूटी और खाल का व्यवसाय होता है। १९६१ में यहाँ की जनसंख्या ५,८५,००० थी। (कष्णमोहन गुप्त.; परमेश्वरीलाल गुप्त)