क्विकलरकूच, सर आर्थर टामस (१८६३-१९४४ ई.) अंग्रेज कवि, उपन्यास लेखक, कहानीकार और समालोचक। २१ नवंबर, १८६३ को कार्नवाल जन्म और आक्सफोर्ड के क्लिप्टर कालेज और ट्रिनिटी कालेज में शिक्षा। वहीं १८८६ में प्राचीन साहित्य के अध्यापक नियुक्त हुए। १८९९ ई. में लंदन से प्रकाशित होनेवाली पत्रिका स्पीकर के संपादक बने। १९१० ई. में उन्हें सर की उपाधि प्राप्त हुई ; १९१२ ई. में वे कैं ब्रिज विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर नियुक्त हुए और जीज़स कालेज के फेलो निर्वाचित हुए। १९३७ ई. में वे अपने नगर के मेयर चुने गए।

जब वे आकसफोर्ड में थे तभी उनकी ख्याति कवि के रूप में हो गई थी। उनकी अधिकांश कविताएँ १८९६ में पोयम्स ऐंड बैलेड्स के नाम से प्रकाशित हुई हैं। वे आरंभ में अपने लिये केवल क्यू अक्षर का प्रयोग करते थे। यह क्यू इतना प्रचलित हुआ कि वे समालोचकों और लेखकों के बीच इसी अक्षर से ही जाने और पहचाने जाते हैं।

१८९५ में उन्होंने १६वीं-१७वीं शती के गीतकारों की रचनाओं का संग्रह द गोल्डेन पाम्प प्रकाशन किया। उसके बाद विभिन्न कालों के अंग्रेजी कवियों की प्रतिनिधि रचनाओं का तीन संग्रह प्रकाशित किए। वे हैं--आक्सफोर्ड बुक ऑव इंगलिश वर्स (१९००), आक्सफोर्ड बुक ऑव बैलेड्स (१९१०) और आक्सफोर्ड बुक ऑव विक्टोरियन वर्स (१९१३)।

१८८७ में उन्होंने अपना पहला उपन्यास डेड मैंस राक प्रकाशित किया जो आर. एल. स्टीवेंसन की रोमांटिक कहानियों के ढ़ग पर लिखा गया था। द एस्टानिशिंग हिस्ट्री ऑफ टोरी टाउन (१८८८), द स्पैल्डिड स्पर (१८८९), द शिप ऑव स्टार्स (१८८९) उनके अन्य प्रख्यात उपन्यास हैं। रोल काल ऑफ रीफ शीर्षक से उन्होंने भूतकथा भी लिखी है।

उनकी समालोचनाओं और निबंधों के अनेक संग्रह हैं। उनमें एडवेंचर्स इन क्रिटिसिज्म (१८९६), आन द आर्ट ऑफराइटिंग (१९१६), शेक्सपियर वर्क मैनशिप (१९१८), स्टडीज इन लिटरेचर (१९१८; १९२२), आन द आर्ट रीडिंग (१९२०), पेटर्निटी इन शेक्सपियर (१९३९), द पोयअ एज सिटिजन ऐंड अदर पेपर्स (१९३४) प्रख्यात हैं।

१२ मई, १९४४ ई. को फ्रावे (कार्नवाल ) में उनकी मृत्यु हुई। (परमेश्वरीलाल गुप्त)