क्वाट्रेफाज द ब्रेउ, जीन लुई आरमंड दे (१८१०-१८९२ ई.) फ्रेंच नृतत्वविद् और जीव वैज्ञानिक। १० फरवरी, १८१० को वैलरेग में जन्म। २२ वर्ष की अवस्था होते होते उसने स्ट्रास-वर्ग विश्वविद्यालय से दो विषयों में डाक्टरेट प्राप्त की । एक गणित में और दूसरा चिकित्साशास्त्र में। टूलां में कुछ काल सफलतापूर्वक चिकित्सक का कार्य करने के पश्चात् १८४० में उसने प्रकृति विज्ञान में पेरिस विश्वविद्यालय से एक तीसरी डाक्टरेट प्राप्त की। अगले पंद्रह वर्षो तक वह समुद्रतटीय जीवों का अध्ययन करता रहा और तुलनात्मक सूक्ष्भौतिक विज्ञान (Histology) का सूत्रपात किया।

१८५५ में वह पेरिस के जंतु संग्रहालय में शरीर रचनाशास्त्र एवं नृतत्व विभाग के अधिकारी के पद पर नियुक्त हुआ और तब उसके जीवन में एक नया अध्याय खुला। उसने अपने देश की विभिन्न संस्थाओं, द्वारा शारीरिक नृतत्व को एक सुस्थिर आधार प्रदान किया और इस दिशा में पेरिस शोध का एक केंद्र बना। उसे अपने देश की विभिन्न संस्थाओं द्वारा जो मानसम्मान मिला, वह तो मिला ही, अन्यत्र भी उसकी नृतत्व के प्रमुख विद्वान् के रूप में ख्याति हुई। १२ जनवरी, १८९२ को पेरिस में उसकी मृत्यु हुई। (परमेश्वरीलाल गुप्त)