क्विंतीतस सिंसिनेतस प्राचीन रोम का एक ग्रामीण जिसने अधिनायकत्व ग्रहणकर रोम की रक्षा की। उसका समय ई. पू. ५७२ अनुमान किया जाता है। उन दिनों एक्वियन लोगों ने रोम पर आक्रमण कर दिया था। सामना करनेवाली रोमन सेना को उन्होंने पराजित कर अपने घेरे में कर लिया था। इससे रोमवासी बड़े चिंतित हुए और उन्हें उस घिरी हुई सेना को बचाने के लिये किसी योग्य अधिनायक की आवश्यकता जान पड़ी। ऐसे संकट के समय क्विंतीतस सिंसिनेतस नामक किसान ही एक ऐसा व्यक्ति जान पड़ा, जो उनकी रक्षा कर सकता था।
निदान नागरिक उसके झोपड़े पर पहँुचे। उस समय वह अपने खेत पर काम कर रहा था। उसने जब रोम कर आए संकट की बात सुनी तो खेती का काम छोड़कर अधिनायक का पद ग्रहण करना स्वीकार किया और नगर में आया। उसने रोमवासियों को पाँच दिन की भोजन सामग्री के साथ शस्त्रास्त्र लेकर तैयार रहने का आदेश दिया। उस समय वे लोग असावधान थे। वे दो रोमन सेनाओं के बीच बुरी तरह घिर गए। उनकी पराजय हुई। इस प्रकार चौबीस घंटे के भीतर सेना संघटित कर क्विंतीतस ने शत्रु के हाथ से रोम की रक्षा की।
इस विजय के पश्चात् क्विंतीतस अपने झोपड़े को लौट गया। रोम के इतिहास में उसका नाम कर्तव्यपरायणता और स्वार्थहीनता के लिए अमर है। (प. ला. गु.)