क्लैपराथ, हेनरिच ज़ूलियस वान (१७८३-१८३५ ई.) जर्मन प्राच्य विद्या विशारद्। ११ अक्तूबर से उसने चीनी भाषा सीखनी आरंभ की। १८०५ में वह चीन के रूसी दूतावास में दुभाषिया के पद पर नियुक्त हुआ किंतु सीमा पर वह रोक दिया गया। अत: वह साइबेरिया संबंधी भोगोलिक खोज में लग गया। आगे चल कर १८०७-०८ ई. में उसने काकेशसवार जार्जिया संबंध में खोज की। १८१२ में जर्मनी लौटा और तीन वर्ष पश्चात् पेरिस में जा बसा। वहाँ १८१६ में एशियाई भाषाओं का प्राध्यापक नियुक्त हुआ। १८०२ से ही वह पहले जर्मन बाद में फ्रेंच में अपने भौगोलिक शोध, एशियाई भाषा और नृवंश, मिस्री कीलाक्षर आदि के संबंध में लेख लिखने लगा था। उसकी ख्याति उसके विषय विवेचन में गहन प्रवेश के लिए तो है ही, लोग उसे अन्य विद्वानों के कटु आलोचक के रूप में भी याद करते हैं।
(परमेश्वरीलाल गुप्त)