क्लेमांसो, जार्ज बेंजमिन (१८४१-१९२९ ई.) फ्रांसीसी प्रशासक तथा पत्रकार। २८ सितंबर, १८४१ को मुलेरों में जन्म। इन्होंने ओषधि विज्ञान में शिक्षा प्राप्त की और चिकित्सक के रूप में पेरिस आए। सन् १८६० ई. में चिकित्सक का कार्य परित्याग कर उन्होंने सार्वजनिक जीवन में मोंतमात्र के नगर अभियंता के रूप में प्रवेश किया। राजनीतिक आदर्शों में वे गणतंत्र के पक्षपातों तथा द्वितीय फ्रांसीसी साम्राज्य के शत्रु थे। साथ ही निरंकुश सरकारों के प्रति गुप्त रूप से लगाव भी था। उनकी दृष्टि में राजनीति शक्ति के अर्जुन का एक संघर्ष है और इसीलिए यह कहा जाता है कि उनके देशप्रेम में कुछ रोमन तत्व विद्यमान था जिसके फलस्वरूप वे शांतिपरायण व्यक्तियों को हेय दृष्टि से देखते थे।
इस रूप में उनका संघर्ष कम्यूनद से हो गया जिसने उन्हें गोली से उड़कर मृत्युदंड देने की धमकी भी मिली थी। जार्ज स्टुअर्ट मिल के प्रगतिशील विचारों से प्रभावित होकर जनतंत्र के सिद्धांत के व्यावहारकि रूप के परिणामों के अध्ययन के प्रति उनकी उत्सुकता जागी। फलस्वरूप वे १८६६ ई. के आरंभ का विवरण पेरिस की पत्रिका टेप्स के लिए भेजते और जीविका के लिये लड़कियों के एक स्कूल में फ्रेंच पढ़ाते रहे।
१८६९ ई. में पेरिस वापस आए और १८७० की राजक्रांति के बाद वे पेरिस के मेयर मनोनीत हुए। ८ फरवरी, १८७१ को रेडिकल दल की ओर से राष्ट्रीय असेंबली के सदस्य चुने गए। सन् १८७६ ई. में फ्रांस की संसद् के निचले सदन के सदस्य निर्वाचित होकर रिपब्लिकन दल में सम्मिलित हुए। सन् १८७६ ई. के बाद, जब राजतंत्र के पक्षपातियों की हार चुकी थी और गणतंत्र संगठित हो रहा था, वे क्रांतिकारी और जाकोबें दल के सदस्य बने। संसद् सदस्य के रूप में उन्होंने सर्वमताधिकार, सेनेट की शक्तियों में कमी, चर्च और राज्य के पूर्ण अलगाव, औपनिवेशिक प्रसार से दुराव आदि के आदर्श व्यक्त किए। संसद् के सदस्य के रूप लगातार १५ वर्षों तक फ्रांस की प्रत्येक सरकार का विरोध करने के कारण अनेक लोग उनके शत्रु हो गए। फलत: १८९३ ई. के चुनाव में उनकी हार हुई।
उस समय से १८९७ ई. तक उन्होंने पत्रकारिता का जीवन व्यतीत किया। १८९७ ई. में ‘द्रफू कांड’ ने इन्हें आकृष्ट किया जिसमें जोला के साथ अपराधी कप्तान का पक्ष लेते हुए ये गणतंत्र के कार्यों में पुन: दिलचस्पी लेने लगे। १९०२ ई. में ये सेनेट के सदस्य चुने गए तथा उसके चार वर्ष बाद गृहमंत्री नियुक्त हुए। १९०६ ई. से १९०९ ई. तक प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। १९०९ ई. में पद से त्यागपत्र देकर १९१७ ई. तक राजनीति से अलग रहे।
१९१७ ई. में युद्ध के फलस्वरूप फ्रांस की बिगड़ी हुई स्थिति के सुधार के निमित्त योग्य नेतृत्व की माँग को पूरा करने के के लिए इन्होंने ७६ वर्ष की अवस्था में पुन: प्रधान मंत्री का पद संभाला। १९१७ से १९२० ई. का काल उनके जीवन का सफल काल था। इसी काल में वे फ्रांस केसरी के नाम से पुकारे गए। युद्धोपरांत जब शांतिस्थापना का समय साया तब उन्हें बरसाई सम्मेलन का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। बरसाई संधि हो जाने पर इन्होंने राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लिया। पेरिस में २४ नवंबर, १९२९ को उनकी मृत्यु हुई।
सं.ग्रं.-ऐडम्स, जार्ज : द टाइगर, न्यूयार्क, १९३०। (राजेंद्र अवस्थी)