क्रैडलाक, चार्ल्स एकबटर् (१८५०-१९२२ ई.) अमरीकी लेखिका मेरी न्वायल्स र्मफ्री का छद्मनाम। बचपन में यह पक्षाघात के कारण अपंग हो गई थी, फिर भी उसने नैशविले और फिलाडेल्फिया में शिक्षा प्राप्त की। गर्मी के दिनों में वह पूर्वी टेनेसी के पर्वतों में जाया करती थी। उसका वहाँ के आदिवासियों से निकट परिचय हुआ और उनका उसने अपनी रचनाओं में प्रमुख रूप से चित्रण किया है। उसकी रचनाएँ जब एपल्टन जर्नल और अतलांतिक जर्नल में प्रकाशित हुईं तब कोई कल्पना न कर सका कि यह कहानियाँ किसी महिला की लिखी हुई हैं। उसने इस रहस्य का उद्घाटन १८८४ ई. में किया जब उसकी कहानियों का पहला संग्रह ‘इन द टेनेसी माउंटेंस’ प्रकाशित हुआ। उसने अपनी कहानियों में पर्वतवासियों के कठोर जीवन का चित्रण किया है जो विकसित सभ्यता से अलग थलग, परंपराओं और रिवाजों के बीच रहते और अपनी एक विशिष्ट भाषा में बोलते हैं। उसकी रचनाएँ प्राकृतिक चित्रण से भरी हुई हैं। उसके प्रमुख उपन्यास ‘द बैटल वाज़ फाट’ (जहाँ युद्ध हुआ था, १८८४ ई.) में दक्षिण के पुराने सामंतवादी जीवन का चित्रण है; डाउन द रैवाइन (खड्ड के नीचे, १८८५ ई.) ; द स्टोरी ऑव ‘कीडन ब्लफ्स़’ (कीडन ब्ल़फ्स की कहानी, १८८७ ई.) ; ‘द प्राफ़ेट ऑव द ग्रैट स्मोकी माउंटेन’ (बड़े काले पर्वत का मसीहा, १८८५ ई.); ‘इन द क्लाउड्स’ (बादलों के भीतर, १८८६ ई.); ‘द डिस्पाट ऑव ब्रूमसेज कोव’ (ब्रूमसेज कोव का स्वेच्छाचारी शासक, १८८८ ई.); ‘हिज़ वैनिश्ड स्टार’ (उसका बुझा सितारा, १८९४ ई.); तथा कहानी संग्रहों में द मिस्ट्री ऑव विचफेस माउंटेन (मायामुखी पर्वत का रहस्य, १८९५ ई.); ‘फटैंम्स ऑव द फुटब्रिज’ (फुटब्रिज का भूत); ‘यंग माउंटेनियर्स’ (युवा पर्वतारोही, १८९७ ई.) और ‘द बुशह्वेकर्स’ (जंगली महामानव, १८९९ ई.) प्रमुख हैं।
क्रैडलाक की मृत्यु मरफ्रीवोरो (टेनेसी) में २१ जुलाई, १९२२ ई. में हुई। (परमेश्वरीलाल गुप्त)