क्रेजेवस्की, जोजेफ इग्नैशियस (१८१२-१८८७ ई.)। पोलैंड का प्रख्यात उपन्यासकार। इसका जन्म २८ जुलाई, १८१२ ई. को वारसा में हुआ था। उसकी रचनाएँ दो कालों में विभाज्य हैं। एक तो उस काल की हैं जब वह अपनी जमींदारी ग्रोडास में रहता था। इस काल में उसने जर्मोला, उलाना (१८४३), कार्डेकी (१८५२ ई.) लिखे। इनमें कोई दिशाविशेष निर्दिष्ट प्रतीत नहीं होती। दूसरी रचनाएँ १८६३ ई. के बाद उस काल की हैं जब रूसी सरकार की दृष्टि में वह संदिग्ध माना गया और उसे ड्रेंसडेन में रहने को बाध्य होना पड़ा। इस काल के बोलेश्लेविटा (बोलशेविक) छद्म नाम से लिखे गए राजनीतिक उपन्यास, काउंटेस कैसेल सदृश ऐतिहासिक उपन्यास तथा मारिचुरी (१८७४-७५ ई.) और रिसम्चुरी (१७७६ ई.) सदृश सांस्कृतिक रोमांस उल्लेखनीय हैं। अपने इन उपन्यासों के कारण वह अपने देश की अपेक्षा अन्यत्र अधिक प्रख्यात है। १८८४ ई. में जर्मन सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र करने के अभियोग में उसे ७ वर्ष के कारावास का दंड दिया गया किंतु वह दूसरे वर्ष ही छोड़ दिया गया और जिनेवा चला गया।
क्रेजेवस्की उपन्यासकार ही नहीं वरन् कवि और नाटककार भी था। उसका प्रख्यात काव्य लिथूनिया के इतिहास पर आधारित ‘अनाफियालाज़’ है जो तीन जिल्दों में प्रकाशित है। साहित्यिक समालोचक, संपादक और अनुवादक के रूप में भी उसका व्यक्तित्व अद्भूत था। उसने अनेक ऐतिहासिक ग्रंथ लिखे हैं और पोलैंड के राष्ट्रीय पुरातत्व के अध्ययन को पुनरुज्जीवित करने का श्रेय उसे प्राप्त है। १९ मार्च, १८८७ ई. को जिनोवा में उसकी मृत्यु हुई। (परमेश्वरीलाल गुप्त)