क्राउत्स, गुस्ताफ फिलिप (१७३१-१७८५ ई.)। स्वीडेन का प्रख्यात कवि। इनका जन्म फिनलैंड में और शिक्षा अबो में हुई थीं। १७५१ ई. में वे स्टाकहोम में कोर्ट ऑव चांसेरी में नौकर हुए। इसी काल में १७५१ ई. और १७६३ ई. के बीच उन्होंने अपनी कविताएँ लिखीं। १७६३ ई. में वे राजदूत बनाकर मैड्रिड (स्पेन) और तीन वर्ष पश्चात् पेरिस (फ्रांस) भेजे गए। १७८३ ई. में स्वीडन नरेश गुस्ताफ तृतीय ने वापस बुलाकर उन्हें नाना रूप से सम्मानित किया। उनकी अधिकांश रचनाएँ गाइलानबुर्ग के साथ संयुक्त रूप में प्रकाशित हुई हैं। गाइलानबुर्ग ने अपने मित्र की साहित्यिक प्रतिभा का सर्वप्रथम मूल्यांकन किया और उनकी महत्ता स्वीकार की थी। क्रेउत्स ने अपनी रचनाओं द्वारा स्वीडिश काव्य में पहली बार स्वर और लालित्य का समावेश किया, जिसका उस समय तक सर्वथा अभाव था। वे अपने देश में ‘भाषा सँवारने वालों में अन्यतम’ कहे जाते हैं। ३० अक्तूबर, १७८५ ई. को उनकी मृत्यु हुई। (परमेश्वरीलाल गुप्त)