क्रुप्स्काया, नादेज्द़ा कंसतांतिज्क़ा (१८६९-१९३९ ई.)़। लेनिन की सहधर्मिणी और मित्र तथा राष्ट्र और सोवियत कम्यूनिस्ट दल की नेत्री। इनका जन्म एक सैनिक परिवार में पेतरबुर्ग नामक नगर में हुआ था। १८०९ ई. में इन्होंने रूसी क्रांति आंदोलन में सक्रिय भाग लिया। पेतरबुर्ग में लेनिन ने जिस मजदूरवर्ग मुक्ति संघर्ष संघ की स्थापना की थी उसमें क्रुप्स्काया ने १८९५ ई. में योगदान किया। उन्होंने १८९७ से १९०० ई. तक लेनिन के साथ साइबेरिया में निर्वासित जीवन व्यतीत किया। १९०१ ई. में विदेश में रहकर ईस्क्रा (स्फुलिंग), ज़पिरोद (आगे की ओर) और प्रलितारी (सर्वहारा) नामक बोलशेविक समाचार पत्रों के संपादकीय विभाग में सचिव का कार्य किया। अप्रैल, १९१८ ई. में रूस लौटने के पश्चात् कम्यूनिस्ट दल की केंद्रीय समिति (बोलशेविक) के कार्यालय में कार्य करती रहीं। १९२७ ई. में कम्यूनिस्ट दल की केंद्रीय समिति की सदस्यता चुनी गई। १९२९ ई. में रूसी संघात्मक यूनियन के शिक्षा विभाग में शिक्षा विभाग में डिप्टी पीपुल्स कमिश्नर नियुक्त हुई। जनता की शिक्षा के विषय में ये प्रभावशाली विचारक रही हैं। उन्होंने शिक्षाविज्ञान संबंधी अनेक लेख तथा लेनिन के संस्मरण लिखा हैं।

(लियो स्तेस्फान ाौम्यान (लि. स्ते. शौ.))