क्रुक्स, सर विलियम (१८३२-१९१९ ई.)। सुविख्यात रसायनज्ञ और भौतिकविज्ञानी। इनका जन्म १८ जून, १८३२ ई. को लंदन में हुआ था। रॉयल कालेज ऑव केमिस्ट्री में रसायन का अध्ययन कर पहले सुप्रसिद्ध रसायनज्ञ ‘हॉफमान’ के सहायक, फिर ऋतुविज्ञान विभाग में सहायक और फिर चेस्टर में रसायन के सहायक अधयापक नियुक्त हुए। पिता की बड़ी संपत्ति के अधिकारी होने पर उन्होंने अपनी निजी प्रयोगशाला स्थापितकर रसायन पर अन्वेषण आरंभ किया और ‘केमिकल न्यूज़’ नामक पत्र की स्थापनाकर १९०९ ई. तक उसका संचालन क रते रहे। १८९७ ई. में उन्हें सर की और पीछे अन्य कई उपाधियाँ मिलीं।
क्रुक्स ने थैलियम धातु का आविष्कार कर उसे पृथक् किया। इस संबंध में कार्य करते हुए उन्होंने ‘रेडियोमीटर’ का आविष्कार किया। रेडियम के आविष्कार के बाद वे रेडियम के अध्ययन में लगे और उस यंत्र का आविष्कार किया जिसे स्पिंथेरिस्कोप (Spinthariscope) कहते हैं और जिसमें जिंक सल्फाइड के परदे पर स्फुरदीप्ति (phosphorescence) से लेश मात्र रेडियम तक का भी पता लग जाता है। ऋणाग्र किरणों (cathode rays) के आचरण के अध्ययन में अनेक युक्तियाँ निकालों और विरल मृदा (rare earths), तत्वों की प्रकृति और संगठन का अध्ययनकर इस परिणाम पर पहुँचे कि एक तत्व के परमाणुओं के विभिन्न परमाणुभार हो सकते हैं। उन्होंने कृत्रिम रीति से सूक्ष्म हीरे भी तैयार किए, तथा ऐसे काच का भी आविष्कार किया जिसके उपयोग से पिघले कांच से निकली ऊष्माकिरणों और परा-बैंगनी-प्रकाशकिरणों के हानिकारक प्रभावों से आँखों की रक्षा की जा सकती है। चश्में का क्रुक्सलेंस इन्हीं की देन हैं। उन्होंने रसायन पर अनेक मौलिक पुस्तकें लिखीं और कुछ का संपादन भी किया। लगभग ८७-८८ वर्ष की अवस्था में ४ अप्रैल, १९१९ को उनकी मृत्यु हुई।
सं. ग्रं.-डब्लू., टिलडेन : जनल ऑव केमिकल सोसायटी, ११७-४४४-४५४ (१९२०); फेमस केमिस्ट्स (१९२१)। (फूलदेवसहाय वर्मा)