क्रीजी, सर एडवर्ड शेपर्ड (१८१२-१८७८ ई.) अंग्रेज इतिहासकार। बेस्के (केंट) में जन्म और इटन तथा कैंब्रिज के किंग्स कालेज में शिक्षा। १८३७ ई. में वे बैरिस्टर बने; १८४० ई. में लंदन विश्वविद्यालय में इतिहास के प्राध्यापक नियुक्त हुए। १८६० ई. में वे लंका के हाईकोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) बनाए गए। उसी वर्ष उन्हें सर की उपाधि प्राप्त हुई। २७ जनवरी, १८७८ ई. को लंदन में उनका निधन हुआ।

उनका सबसे प्रसिद्ध इतिहास ग्रंथ है फिफ्टीन डिसाइसिव बैटल्स ऑव द वर्ल्ड जो १८५१ में प्रकाशित हुआ था। उसमें १५ निर्णायक युद्धों---मेराथान, साइराक्युस अर्बेली, मेटाउरस, वारूस की पराजय, चालाँस, टूअर्स, हेस्स्टिग्स, आर्लियंस में जोन ऑव आर्क की विजय, स्पैनिश आर्मेडा, ब्लेंहीम, पोल्टावा, सर्टोगा, वाल्मी और वाटरलू का वर्णन है। उनके दो अन्य महत्व के ग्रंथ हैं हिस्ट्री ऑव इंग्लैंड और राइज ऐंड प्रोग्रेस ऑव द इंग्लिश कांस्टिट ्यूशन।

क्रीट भूमध्यसागर में ग्रीस के दक्षिण ६० मील पर स्थित सिसिली और सारडिनिया के पश्चात् सबसे बड़ा द्वीप (स्थिति ; ३४ ५० से ३५ ४० उ. अ. और २० ३० से २६ २० पू. दे.) इसका क्षेत्रफल ३,३३० वर्गमील है। इस द्वीप का उत्तरी समुद्रीतट अत्यधिक कटा फटा है। इसके पश्चिम की ओर बुसा पर्वत और पूर्व में केनिया की खाड़ी है। दक्षिणी समुद्री किनारा अपेक्षाकृत कम कटा है। यहाँ पहाड़ी शृंखलाएँ एकाएक तीव्रता से ऊँची होती गई हैं। कम ऊँची पहाड़ियाँ और उपजाऊ घाटियाँ शहतूत के जंगलों से ढकी हैं।

भूमध्यसागरीय जलवायु के कारण अंजीर, सेब, नारंगी और शहतूत की कृषि होती है जिनका निर्यात होता है। ज्वालामुखी मिट्टी के कारण क्रीट खनिजों में धनी है जिनमें लोहा, सीसी मैंगनीज, लिगनाइट और गंधक मुख्य हैं। अनाज का आयात काला सागर, डैन्यूब क्षेत्र, आस्ट्रिया, फ्रांस और इंग्लैंड से किया जाता है। नगरों में केंडिया कलाभवन के लिये, केनिया इटली शैली के निर्माण स्थलों के लिये विश्वप्रसिद्ध है। अन्य नगरों में रेटियो, हीरापेट्रा, सिटीया, सेलिनों तथा स्फाकिया हैं। १९६१ ई. में यहाँ की जनसंख्या ४,८३,२५८ थी। (भूपेद्रकांत राय)

इतिहास----प्राचीनकाल में यह भूमध्यसागरीय द्वीप क्रेता और केफ्ती नाम से प्रसिद्ध था। ई. पू. द्वितीय और तृतीय सहस्राब्दियों में ग्रीस तथा लघुएशिया में जो महान् सभ्यता फैली हुई थी, जिसके ग्रीस तथा लघुएशिया में प्रधान प्रहरी मिकीनी तथा त्राय थे और जो ईजियाई, मिनोई अथवा मिकीनी सभ्यता के नाम से इतिहासप्रसिद्ध है, उसका मूल यही क्रीट का द्वीप है। इस सभ्यता, को जिसका चरम विकास त्राय नगर में हुआ था, आर्यग्रीकों ने ई. पू. द्विसहस्राब्दी के अंत में नष्ट कर दिया। श्लीमान तथा ईवांस के प्रयत्नों से उस सभ्यता के भग्नावशेषों का पिछली सदी में उत्खनन हुआ है।