क्रिलोव, इवान अंद्रेयेविच (१७६९-१८४४ ई.) रूसी कवि और लेखक। सैनिक अफ़सर के परिवार में मास्को में २ फरवरी, १७६९ ई. को जन्म हुआ और वे आजीवन पेतेरबुर्ग (आधुनिक लेनिनग्राद) में रहे। १७८२ से साहित्यिक कार्य आरंभ किया। उन्होंने क़हवादानी, शैतान, फ़ैशनवाली दुकान (१८०७), बेटियों के लिये सबक (१८०७) आदि कई प्रहसन लिखे। इनमें तत्कालीन रूसी जागीरदारी, रिश्वतखोरी आदि सामाजिक कुरीतियों की कटु आलोचना की गई है। उन्होंने तीन व्यंगात्मक पत्रिका, भूतों की डाक, दर्शन और संत पेतेरबुर्गस्की मेरकूरी भी प्रकाशित की। १८१२ ई. से वे पेतेरबुर्ग के सार्वजनिक पुस्तकालय में काम करने लगे। उन्हें व्यंगात्मक कविताओं से विशेष ख्याति मिली। ये कविताएँ सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध हैं। इनका रूप अति सजीव है। इनकी भाषा जनसाधारण की है, इन कारणों से इन रचनाओं को बड़ी लोकप्रियता मिली। इनके अनेक छंद कहावतों और मुहावरों के रूप में प्रचलित हुए। इनकी कविताओं के नौ संग्रह हैं।

(प्यौत्र कलेक्सीविच बाराकिन्नकोव)