क्योतो जापान के यमाशिरों प्रांत में स्थित नगर (स्थिति : ३५० १’ उ. अ. तथा १३५० ४६’ पू. दे.)। जनसंख्या १२, ०४,०८४ (१९५५)। क्वामू शासन काल में इसे हे यान जो अर्थात् शांति का नगर की संज्ञा दी गई थी१ ११वीं शताब्दी तक क्योतो जापान की राजधानी था और आज भी पश्चिमी प्रदेश की राजधानी है। १८९० ई. में इस नगर को बीवा झील सें लगभग ७ मील लंबी नहर द्वारा संबंधित कर दिया गया।
विशाल मंदिरों, भव्य प्रासादों और कलात्मक भवनों के लिए क्योतो संपूर्ण जापान में प्रसिद्ध है। यहाँ रेशम के कपड़े, चीनी मिट्टी के बर्तन, कसीदाकारी, रंगनिर्माण, पंखा, खिलौना और अन्य प्रकार के धातु के बर्तनों का उद्योग अधिक विकसित है। यह जापान में बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा केंद्र है। यहाँ एक विश्वविद्यालय तथा एक कलाकेंद्र हें। (भूपेद्रकांत राय)