क्यूशू जापान के चार प्रमुख द्वीपों में सबसे छोटा द्वीप (स्थिति : लगभग ३१ से ३४ उ. अ. और १३१ से १३२ पू. दे.)। इस द्वीप की रचना पेलियोज़ोइक और टर्शिएरी युग की चट्टानों से हुई है। इसका उत्तरी तथा दक्षिणी भाग नवनिर्मित्त ज्वालामुखी चट्टानों से बना है। यहाँ के पर्वत मोड़दार हैं जो उत्तरी भाग में अधिक ऊँचे हैं। नदियाँ छोटी और तीव्र वेगवाली हैं जिनसे जलविद्युत् का विकास किया गया है।

आर्थिक दृष्टिकोण से संपूर्ण जापान में इस द्वीप का सर्वप्रथम स्थान है। जापान के ४९ प्रतिशत कोयले का भंडार इसी द्वीप में संचित है। यहाँ कोयले का उत्पादन प्रति वर्ष प्राय: २,९०,००,००० टन होता है। औद्योगिक दृष्टिकोण से उत्तरी पश्चिमी भाग अधिक विकसित है। प्रधान केंद्र नागासाकी है। यहाँ लोहा और इस्पात, सीमेंट, शीशा, रासायनिक सामग्री, जहाज और बर्तन उद्योग प्रमुख है। इसी द्वीप में एशिया का सबसे बड़ा लोहा-इस्पात निर्माण केंद्र यवाता स्थित है जो जापान के संपूर्ण कच्चे लोहे और इस्पात का क्रमश:३५ प्रतिशत तथा ४० प्रतिशत उत्पादन करता है। शिक्षा का यहाँ यथेष्ट विकास हुआ है। फुकुओका (Fukuoka) नगर में विश्वविद्यालय भी है जिसकी स्थापना १९१० में हुई थी। (भूपेद्रकांत राय)