कोलिकोड (कालीकट) केरल राज्य का एक नगर और पतन : (११० १५’ उ. अ. से ७५० ४७‘ प. दे.)। यह मद्रास से ४१४ मील पश्चिम अरब सागर के किनारे निम्न समतल मैदान में अस्वास्थ्यप्रद जलवायु के भाग में कल्लायी नदी पर स्थित है। १३वीं शताब्दी के अरब लेखकों ने पश्चिमी तट के प्रमुख बंदरगाह के रूप में इसका उल्लेख किया है। १५वीं शताब्दी का मालाबार तट का प्रमुख नगर था।
कोलिकोड शब्द का अर्थ काकदुर्ग है। अंतिम नरेश चेरासन पेरूमल ने मक्का के लिये प्रस्थान करते समय अपना राज्य अपने नायकों में बाँट दिया। किले के चतुर्दिक् जहाँ तक किले में बोलनेबाले मुर्गे की आवाज सुनाई देती थी उतना क्षेत्र उन्होंने जमोरिन नामक नायक को दिया। अत: इस क्षेत्र का नाम कोलिकोड पड़ा।
१४८६ ई. में प्रथम यूरोपवासी वास्को द गामा यहाँ आया और १५२५ ई. तक पुर्तगालियों का व्यापार यहाँ से होने लगा। १६१५ ई. में यह ब्रिटिश अधिकार में आया। १६९८ ई. में यहाँ फ्रांसीसी बस्तियाँ बसीं। फ्रांस और ब्रिटेन के बीच के युद्ध के काल में इसकी सत्ता बदलती रही। मैसूर के शासकों से इसे अधिक क्षति पहुँचती रही। टीपू सूल्तान ने इसे हथियाने का प्रयास किया था।
यहाँ के बने सूती कपड़े की बड़ी ख्याति थी। १८८३ ई. में यहाँ एक वाष्पचालित पुतलीघर की स्थापना हुई। यहाँ गृह उद्योग के रूप मे बेंत और बाँस के सामान, मूर्तिकला (कुम्हारी), लकड़ी पर नक्काशी, दियासलाई और साबुन रँगाई, आदि के उद्योग मुख्य हैं। यहाँ से काफी ओर मसाले का निर्यात होता है। १९६१ में यहाँ की जनसंख्या १,९२,५२१ थी। (कैलाशनाथ सिंह.; परमेश्वरीलाल गुप्त)